पटना, अशोक “अश्क” बिहार सरकार ने 15 साल पुरानी गाड़ियों के परिचालन पर सख्ती बरतने का फैसला किया है। अब बिना री-रजिस्ट्रेशन पुरानी गाड़ियां सड़कों पर नहीं चल सकेगी। यह कदम राज्य में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने और बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी जिला परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बिना री-रजिस्ट्रेशन के पुरानी गाड़ियों के परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
सरकार ने 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को बिना री-रजिस्ट्रेशन के सड़कों पर चलने को अवैध घोषित कर दिया है। परिवहन विभाग का कहना है कि यह निर्णय सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने, प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
परिवहन सचिव ने बताया कि पुरानी गाड़ियां न केवल अधिक प्रदूषण फैलाती हैं बल्कि ये सुरक्षित परिचालन के मानकों पर भी खरी नहीं उतरती। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 15 साल पुराने सरकारी वाहनों का निबंधन अमान्य हो जाएगा। इन वाहनों का पुनर्निबंधन नहीं किया जा सकेगा और इन्हें स्क्रैपिंग के माध्यम से नष्ट करना अनिवार्य होगा।
इसमें सभी सरकारी विभाग, निगम और लोक उपक्रमों के वाहन भी शामिल हैं। राज्य सरकार ने 15 साल पुरानी गाड़ियों के लिए स्क्रैपिंग पॉलिसी लागू की है। इसके तहत पुरानी गाड़ियों को नियमानुसार स्क्रैप कराने के बाद वाहन मालिकों को नए निजी वाहन खरीदने पर 25 प्रतिशत और व्यावसायिक वाहन खरीदने पर 15 प्रतिशत टैक्स में छूट दी जाएगी।
साथ ही, पुराने लंबित कर और जुर्माने में 90 से 100 प्रतिशत तक की छूट का प्रावधान है। अब तक राज्य में 2,017 सरकारी वाहनों को स्क्रैपिंग के लिए चिन्हित किया जा चुका है। इन गाड़ियों का निष्पादन मोटरवाहन नियम, 2021 के तहत आरवीएसएफ के माध्यम से किया जाएगा। परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों से अपील की है कि वे अपनी पुरानी गाड़ियों का री-रजिस्ट्रेशन कराएं या फिर इन्हें स्क्रैप कराकर नए वाहनों का उपयोग करें।