- बीबीसी की निष्पक्षता 40 साल पहले जैसी नहीं
- आयकर सर्वे से प्रधानमंत्री पर बनी डॉक्युमेंटरी का कोई संबंध नहीं
- बीबीसी की कंपनी चीनी एजेंसियों के लिए बनाती है प्रोपगंडा कंटेंट
स्टेट डेस्क/पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिस कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपा, सेंसरशिप लागू किया और सैंकड़ों पत्रकारों को जेल में डाल दिया, उसकी गोद में बैठ कर जदयू बीबीसी के बहाने प्रेस की आजादी पर छाती पीट रहा है। मोदी ने कहा कि आज बीबीसी की निष्पक्षता 40 साल पहले जैसी नहीं रही, जिसकी प्रशंसा जेपी आंदोलन के दौर में अनेक राजनेता कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि यद्यपि इस सदी की शुरुआत से ही बीबीसी भारत-विरोधी रवैया अपना रहा है, फिर भी प्रधानमंत्री मोदी पर उसकी विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री और उसके कार्यालयों पर आयकर टीम के सर्वे के बीच कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को गुजरात दंगों से जुडे सभी मामलों में क्लीनचिट मिलने के बाद भी उनकी छवि खराब करने के लिए फिल्म बनाना कोई निष्पक्षता नहीं।
मोदी ने कहा कि बीबीसी ने जब आयकर के दर्जनों नोटिस का जवाब नहीं दिया, तब अफसरों की टीम सर्वे करने गई। इसे छापा (रेड) या सर्च नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि आज बीबीसी अपनी स्टोरी वर्क जैसी एजेंसी के जरिये प्रचार सामग्री तैयार कर चीन सहित कई देशों में लाभ कमा रही है। स्वयं बीबीसी के पत्रकार इसके विरुद्ध आवाज उठा चुके हैं। मोदी ने कहा कि आज बीबीसी भारत-विरोधी चीन का प्रोपेगंडा टूल बन गया है, इसलिए पूरा टुकड़े-टुकड़े गैंग कोर्ट से कैम्पस तक बीबीसी-प्रेमी बन गया है।