जनता मोदी सरकार की महंगाई और बेरोजगारी बढ़ाने वाली आर्थिक नीतियों से तंग आ चुकी है- भाकपा

पटना

भाकपा ने जन विरोधी बजट का पुतला फूंका! कहा-शिक्षा स्वास्थ्य, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा सबका पैसा कम कर दिया!

State Desk/Patna: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत सोमवार को पूरे बिहार में केंद्रीय बजट का पुतला एवं प्रत्तियां जलाई। केंद्र सरकार से अडानी के धोखाधड़ी मामले की संसद की संयुक्त समिति से जांच कराने की मांग की। राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में पुतला फूंका गया। पुतला दहन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी हुई। भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि यह कार्यक्रम केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आयोजित किया गया है। जनता मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से तंग आ चुकी है। केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार द्वारा पेश बजट जनविरोधी और कॉरपोरेट समर्थक है।

शिक्षा, स्वास्थ्य, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा और अन्य सामाजिक क्षेत्रों के लिए आवंटित की गई राशि अपर्याप्त है। यह मेहनतकश जनता के लिए एक बड़ा झटका है। इस बजट से महंगाई और बढ़ेगी और आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा,कृषि पर आवंटन 8500 करोड़ रुपये कम कर दिया गया है जबकि किसान खेती में उच्च लागत से परेशान हैं। बजट में किसानों की मदद के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है। खाद पर सब्सिडी कम कर दी गई है।

खाद पर मिलने वाले 2.8 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी को घटाकर 1.97 लाख करोड़ कर दिया गया है। आईसीडीएस के आवंटन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। मनरेगा में आवंटन काफी कम कर दिया गया है। मनरेगा मद में वर्ष 2022-2023 के लिए 89,000 करोड़ रुपये का आवंटन था, जिसे घटा कर इस बजट में 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। मनरेगा के बजट में कटौती से ग्रामीण रोजगार पर असर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की घोषणा की थी, लेकिन किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए हैं। लोक कल्याणकारी योजनाओं में राशि की कटौती कर ली गई है। यह बजट पूरी तरह पूंजीपतियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि बजट जनविरोधी, विकास विरोधी, महिला, गरीब, किसान, नौजवान, छात्र, मजदूर विरोधी और कारपोरेट घरानों के हितैषी है।