उपेन्द्र कुशवाहा ने पार्टी को बचाने के लिए लिखी चिट्ठी तो‌ ललन सिंह ने लिखा,कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना!

पटना

स्टेट डेस्क/पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से रार ठाने बैठे उपेन्द्र कुशवाहा ने जेडीयू कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिखी तो जवाब में ललन सिंह ने ट्वीट किया, ‘ कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना!’ जद (यू.) के समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ता साथियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास है। “ना कोई डील है और ना ही विलय की बात” – यह सिर्फ एक मनगढ़ंत कहानी है। पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को जदयू के कार्यकर्ताओं के नाम चिट्ठी लिखी है जिसमें लिखा है कि पार्टी कमजोर हो रही है। अब हमलोग को मजबूती से लगना होगा। कुशवाहा ने इसको लेकर कार्यक्रम भी तय किया है।

आनेवाली 19 और 20 फरवरी को सभी पुराने कार्यकर्ता जो अभी के नेतृत्व से नाराज हैं, उन्हें पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में बुलाया है। विचार-विमर्श करने को कहा है कि पार्टी कैसे मजबूत होगी। कुशवाहा ने अपनी चिट्ठी में लिखा है – प्रिय साथियों, हमारी पार्टी अपने आंतरिक कारणों से रोज और रोज कमजोर होती जा रही है। महागठबंधन बनने के बाद हुए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने के समय से ही मैं पार्टी की स्थिति से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगातार अवगत कराते आ रहा हूं। समय-समय पर पार्टी की बैठकों में ही में भी मैंने अपनी बातें रखी है। विगत एक डेढ़ महीने से मैंने हर संभव तरीके से इस ओर कोशिश की है कि अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके।

मेरी कोशिश आज भी जारी है। लेकिन, तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की जा रही है। बल्कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है। मेरी चिंता और जहां तक मैं समझता हूं आप सभी की चिंता भी इस बात को लेकर है कि अगर जदयू बिखर गया तो उन करोड़ों लोगों का क्या होगा? जिनके अरमान इस दल के साथ जुड़े हुए हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े कष्ट सहकर और अपनी कुर्बानी देकर इसके निर्माण में अपना योगदान दिया है।

खासकर राजद की ओर से एक खास डील जदयू और राजद के साथ विलय की चर्चा ने न सिर्फ पार्टी के निष्ठावान नेताओं, कार्यकर्ताओं व आम जनमानस को भी झकझोर कर रख दिया है। ऐसी परिस्थिति में हम सबके समक्ष राजनीतिक शून्यता की स्थिति बनती जा रही है। अब आवश्यकता इस बात की आ गई है कि हम सब मिलकर उस विषय पर विमर्श करें। इसलिए आपसे आग्रह है कि अपने साथियों के साथ 19 फरवरी और 20 फरवरी को 11:00 बजे सिन्हा लाइब्रेरी के पास पहुंचे भाग लें। इसके बाद चर्चा करें