तिरहुत स्नातक क्षेत्र से जीते वंशीधर ब्रजवासी ने तोड़ा जाति और पैसे का मिथक, शिक्षकों ने उतारा अपने नेता का कर्ज!

पटना

केके पाठक ने किया था नौकरी से बरखास्त तो वोटरो ने उच्च सदन माननीय सदस्य!

हेमंत कुमार/पटना : आखिरकार वंशीधर ब्रजवासी निर्वाचित घोषित कर दिये गये। निर्वाची पदाधिकारी सह आयुक्त तिरहुत प्रमंडल, सरवणन एम‌ ने मंगलवार की रात ब्रजवासी को प्रमाण पत्र सौंप दिया! शिक्षक नेता ब्रजवासी को शिक्षकों के आंदोलन का नेतृत्व करने के आरोप में शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सेवा से बरखास्त कर दिया था। वे सड़क पर आ गये थे। कहा जा रहा है कि शिक्षकों ने उनका कर्ज उतार दिया है!

बिहार विधान परिषद के तिरहुत स्नातक उपचुनाव-2024 के विजेता ब्रजवासी ने इस चुनाव में कई मिथकों को ध्वस्त किया है। इस क्षेत्र से पहली बार किसी गैर सवर्ण बिरादरी के उम्मीदवार को जीत मिली है। पहले भूमिहार और बाद में ब्राह्मण इस क्षेत्र से जीतते रहे थे। ब्रजवासी अतिपिछड़ा समुदाय की मल्लाह जाति से आते हैं। उन्होंने स्थापित पार्टियों के उम्मीदवारों को हराया है।

संयोग देखिए , जेडीयू,राजद और जनसुराज के उम्मीदवारों की पीठ पर न सिर्फ पार्टी बल्कि परिवार का भी बल था। दूसरे नंबर पर रहे जनसुराज के डा विनायक गौतम के पिता रामकुमार सिंह बिहार विधान परिषद में इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। विनायक के नाना रघुनाथ पांडे मुजफ्फरपुर के विधायक और बिहार सरकार में मंत्री हुआ करते थे। चर्चित बिजनेस मैन अमर पांडे उनके मामा हैं।

तीसरे नंबर पर रहे राजद के प्रो गोपी किशन के पिता केदार गुप्ता विधायक थे। जबकि चौथे नंबर रह गये अभिषेक झा को सीतामढ़ी के सांसद देवेशचंद्र ठाकुर का वरदहस्त प्राप्त था। यह सीट ठाकुर के सांसद चुने जाने की‌ वजह से खाली हुई थी। कहा जाता है कि अभिषेक को ठाकुर ने ही जेडीयू का उम्मीदवार बनवाया था। वे उनके लिए प्रचार करने भी निकले थे। ले उनका प्रचार काम नहीं आया। अभिषेक चौथे नंबर पर रहे गये।

ब्रजवासी ने एक और बड़ा मिथक तोड़ा है! वह यह कि चुनाव और खासकर एम एल सी का चुनाव सिर्फ पैसे से जीता जाता है,इसे ब्रजवासी ने गलत साबित किया है। यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि उन्होंने शिक्षकों की लड़ाई लड़ी। हर वक्त शिक्षक हित में डटे रहे। इसके लिए अपनी नौकरी भी गंवाई। लेकिन पीछे नहीं हटे। शिक्षक समाज चार जिलों – शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और वैशाली को लेकर बने तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में सबसे बड़ा मतदाता समूह है,उसके बड़े हिस्से ने ब्रजवासी को वोट दिया। इसमें बहुजन समाज के शिक्षकों ने बड़ी भूमिका निभाई है।

ब्रजवासी की जीत इस बात को भी रेखांकित करती है कि जब बहुजन समाज के लोगों की तादाद उच्च उच्च शिक्षा में बढ़ी तो उसने ‘संभ्रांत घरानों’ (इलिट क्लास) के लिए आरक्षित समझी जाने वाली विधान परिषद के स्नातक निर्वाचन क्षेत्र पर भी कब्जा जमा लिया! एक बात और ब्रजवासी की जीत ने ‘संभ्रांत समाज’ की बेईमानी भी उजागर कर दी है!

ब्रजवासी को मिले 27744 वोट
निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर ब्रजवासी को कुल 27744 मत प्राप्त हुए उन्हें निर्वाची पदाधिकारी सह आयुक्त, तिरहुत प्रमंडल मुजफ्फरपुर सरवणन एम‌ ने मतगणना केन्द्र एमआईटी में प्रमाण- पत्र प्रदान किया।

इस अवसर पर तिरहुत स्नातक उपचुनाव के प्रेक्षक सह सचिव, ग्रामीण विकास विभाग एवं पर्यटन विभाग लोकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर सुब्रत कुमार सेन, जिलाधिकारी सीतामढ़ी रिची पांडेय, जिलाधिकारी शिवहर विवेक रंजन मैत्रेय, नगर आयुक्त मुजफ्फरपुर विक्रम वीरकर,उप विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, आयुक्त के सचिव अब्दुल हामिद, आरटीए सेक्रेटर सुरेन्द्र प्रसाद, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तिरहुत आर निलय,एसडीओ पश्चिमी सुश्री श्रेयाश्री, एसडीओ पूर्वी अमित कुमार, एसडीओ महुआ किसलय कुशवाहा सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।