स्टेट डेस्क/पटना : मासिक पत्रिका वीरेंद्र यादव न्यूज और वीरेंद्र यादव फाउंडेशन चेरिटेबुल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में गैर सवर्ण पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन पटना के जगजीवनराम संसदीय अध्ययन और शोध संस्थान में किया गया। बिहार विधान परिषद के उप सभापति रामचन्द्र पूर्वे की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रो रामबली सिंह, श्रीमती कुमुद वर्मा, पूर्व मंत्री श्याम रजक, पूर्व विधान पार्षद उपेन्द्र प्रसाद , विधायक छत्रपति यादव और जगजीवनराम संसदीय अध्ययन एवं शोध संस्थान के निदेशक नरेंद्र पाठक ने 12 पत्रकारों को सम्मानित किया।
इनको मिला सम्मान
1.रामअवधेश सिंह पत्रकारिता सम्मान वेद प्रकाश
2.राजेंद्र प्रसाद यादव पत्रकारिता सम्मान हेमंत कुमार
- कृष्ण मुरारी किशन पत्रकारिता सम्मान छायाकार जावेद आलम
- सूर्यनारायण चौधरी पत्रकारिता सम्मान प्रमोद यादव
- उपेंद्र नाथ वर्मा पत्रकारिता सम्मान योगेश च्रक्रवर्ती
- रघनुीराम शास्त्री पत्रकारिता सम्मान राजीव कुमार
- मधुकर सिंह पत्रकारिता सम्मान उपेंद्र कश्यप
- प्रभात शांडिल्य पत्रकारिता सम्मान सन्नी कुमार
- गुलाम सरवर पत्रकारिता सम्मान अनवार उल्लाह
- रवींद्र सिंह लड्डू पत्रकारिता सम्मान प्रसिद्ध यादव
- अब्दुल कय्यूम अंसारी पत्रकारिता सम्मान वकील प्रसाद
- आरएल चंदापुरी पत्रकारिता सम्मान डा.दिनेश पाल
इन पत्रकारों को सम्मान स्वरूप, प्रशस्ति पत्र, शाल और 4 किताबें भेंट की गयी।
इस मौके पर बीरेंद्र यादव न्यूज के गैर सवर्ण मीडिया विशेषांक का लोकार्पण किया गया। तत्पश्चात् मीडिया के सामाजिक सरोकार विषय पर बातचीत हुई। डा. मो. दानिश ने बहुत गहराई और बेबाकी के साथ आंबेडकर के दौर से लेकर आज तक की मीडिया पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इस मीडिया में जबतक व्यापक समाज की हिस्सेदारी सुनिश्चित नहीं की जाएगी यह लोकतांत्रिक नहीं हो पाएगा। सम्मानित होने वाले पत्रकारों ने अपने जीवन और पेशे में जाति के कारण हुए कटु अनुभव साझा किए और वैकल्पिक मीडिया विकसित करने की जरूरत पर बल दिया। इन पत्रकारों ने जाति जनगणना पर कोर्ट द्वारा रोक लगाये जाने से लेकर बिहार में विभिन्न आयोगों और निकायों की निष्क्रियता के कारण बहुजन समाज पर हो रहे प्रभाव के संबंध में अपनी चिंताएं साझी की।
आयोजन के उद्देश्य की चर्चा करते हुए पत्रकार बीरेंद्र यादव ने बताया कि गैर सवर्ण समाज के 12 पत्रकारों की याद में आयोजित यह कार्यक्रम मीडिया में गैर सवर्ण पत्रकारों को एक सम्मानजनक जीवन जीने की प्रेरणा दे और वे अपने समाज के सरोकार को डंके की चोट पर उठाते रहें। यही हमारा मूल मकसद है। जगजीवनराम संसदीय अध्ययन एवं शोध संस्थान के निदेशक नरेंद्र पाठक ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर उन्हें पुस्तक भेंट की गई। कार्यक्रम के आरंभ में मशहूर कवि हीरा डोम की कविता अछूत की शिकायत का पाठ किया गया। पटना विश्वविद्यालय की छात्रा पूजा कुमारी ने इसका सस्वर पाठ किया।
बिहार विधान परिषद के उप सभापति रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि जाति आधारित समाज में भेदभाव का प्रभाव हर दौर में प्रभावी रहा है । आंबेडकर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने भी जब राजनीति में कदम रखा तो उन्हें महसूस हुआ कि इस जाति आधारित समाज में जबतक हम नेहरू, मालवीय सी राजगोपालाचारी नहीं बनेंगे यह समाज हमें प्रतिष्ठा नहीं देगा। फलस्वरूप उन्होंने अपने समाज को संगठित किया जिसने उन्हें सामाजिक राजनीतिक ताकत दी। उन्होंने माना कि समाज में बहुजन समाज में विकास के लिए कभी भी स्थितियां अनुकूल नहीं रहीं। उन्होंने बीरेंद्र यादव की इस पहल की तारीफ की और नियमित रूप से इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करते रहने का आग्रह किया।
समारोह को मंच पर आसीन श्याम रजक, उपेंद्र प्रसाद, छत्रपति यादव, कुमुद वर्मा और रामवली सिंह चंद्रवंशी ने भी संबोधित किया। इन सभी वक्ताओं ने वीरेंद्र यादव की इस पहल की तारीफ की और धारावाहिकता में इस तरह के कार्यक्रम किये जाने की जरूरत पर बल दिया। कार्यक्रम का संचालन अरुण नारायण ने किया। इस मौके पर श्रीमती अलका वर्मा, अरुण कुशवाहा, प्रो दिलीप कुमार, सुबोध कुमार, विनोद पाल, संतोष यादव, शशिप्रभा, रमाशंकर,कासिफ, महेंद्र यादव, मीरा यादव, मुसाफिर बैठा, हरेंद्र कुमार, गौतम कुमार, कुमार परवेज,प्रमोद यादव आदि लोगों की उपस्थिति अंतिम समय तक बनी रही।