मोदी के 15 लाख रुपये की तरह नीतीश के 2 लाख रुपये को जुमला नहीं बनने देंगे: माले

पटना

राज्य के 100 से अधिक प्रखंड मुख्यालयों पर माले का प्रदर्शन

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स्टेट डेस्क/पटना : सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के उपरांत महागरीब परिवारों को 2 लाख रु. देने की सरकारी घोषणा को अमली जामा पहनाने के लिए 72 हजार रु. से कम के आय प्रमाण पत्र देने, सभी भूमिहीन परिवारों को 5 डिसमिल आवासीय जमीन और पक्का मकान की तीन सूत्री मांगों को लेकर आज से भाकपा-माले का हक दो-वादा निभाओ अभियान के तहत प्रखंड/अंचल मुख्यालयों पर प्रदर्शन का कार्यक्रम शुरू हो गया है. यह कार्यक्रम आगामी 24 अगस्त तक चलेगा.

माले राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि आज पहले दिन राज्य के लगभग 100 प्रखंड मुख्यालयों पर उपर्युक्त तीनों मांगों पर प्रदर्शन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण मजदूरों और महिलाओं की भागीदारी हुई.

इसके पूर्व 10 दिनों से 72 हजार रु. से नीचे का आय प्रमाण पत्र, आवासीय भूमि और पक्का मकान के लिए गांव-गांव में आवेदन भरवाए गए. बड़ी संख्या में लोग फॉर्म भर रहे हैं. आज उन तमाम आवेदनों के साथ अंचल कार्यालय पर लोग पहुंचे थे और अधिकारियों से मांग की कि 2 लाख रु. की सहायता राशि के लिए अविलंब 72 हजार रु. का आवेदन प्रदान किया जाए.

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन एक लाख रु. से नीचे का प्रमाण पत्र दे ही नहीं रहा है. इसके बाद यह कार्यक्रम लिया गया. माले राज्य सचिव ने आगे कहा कि भाजपा-जदयू ने जनता सो वादा किया है उसका निभाना होगा.

महागरीब परिवारों को 2 लाख रु. की सरकारी सहायता की घोषणा सरकार की स्वयं की घोषणा है. लेकिन इस दिशा में प्रगति बहुत ही कमजोर है. सरकार के पास गरीबों के आंकड़े उपलब्ध हैं तो फिर वह सहायता राशि क्यों नहीं दे रही है? उसी प्रकार, भूमिहीनों के लिए 5 डिसमिल आवासीय जमीन की घोषणा के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है. पक्का मकान देने की घोषणा केंद्र सरकार की है जो अभी तक पूरा नहीं हो सकी है. हम मोदी के 15 लाख रु की तरह 2 लाख रु. की सरकारी घोषणा को जुमला नहीं होने देंगे.