फुलवारी और दानापुर कारा में बहनों ने कैदी भाइयों की कलाइयों पर बांधी राखी
फुलवारी शरीफ, अजीत। राजधानी पटना के बेउर जेल में इस बार अपने बंदी भाइयों को राखी बांधने की हसरत लिए पहुंची बहनों को निराश होकर लौटना पड़ा। कारा प्रशासन सुरक्षा की दृष्टि से इस बार बहनों की राखियां जेल गेट से बाहर सिपाहियों के जरिए लेकर अंदर भाइयों तक पहुंचाने की व्यवस्था की थी। हालांकि इस बार पिछले साल की तरह भाइयों के हाथों पर जेल गेट में भीतर जाकर राखी बांधने की इजाजत नहीं दी गई। वहीं फुलवारीशरीफ शिविर मंडल कारा और दानापुर जेल में पहले की तरह ही बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी।
दरअसल शुक्रवार को रक्षाबंधन को लेकर राजधानी पटना के बेउर जेल के बाहर बड़ी संख्या में बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधने की ख्वाहिश लेकर पहुंची थी। जेल में बंद अपने भाइयों कि कलाई पर राखी बांधने पहुंचने वाली बहनों को राखी बांधने की इजाजत नहीं दी गई. जिसके बाद राखी बांधने पहुंची बहने निराश होकर अपने घर को लौट गई.
बेउर जेल के बाहर खड़ी कई महिलाओं ने बताया है कि हर वर्ष राखी के दिन वह अपने भाइयों की सुनी कलाई पर राखी बांधने बेउर जेल आती थी और अपने भाइयों के कलाई पर राखी बांधकर वापस जाती थी, लेकिन इस वर्ष जेल प्रशासन ने उनके भाइयों से उनकी मुलाकात नहीं करवाई और न ही भाइयों के कलाइयों पर उन्हें राखी बांधने का आदेश दिया.
जेल अधीक्षक बेउर ई जितेंद्र ने बताया कि पटना के फुलवारी शरीफ से हाल के दिनों में पकड़े गए देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त लोगों और 15 अगस्त को लेकर जेल की सख्त की गई सुरक्षा को लेकर इस बार बहनों को भाइयों की हाथों पर राखी बांधने की इजाजत नहीं दी गई है। हालांकि बेउर जेल के कर्मी बहनों से राखी और मिठाई लेकर अंदर उनके भाई बंधुओं तक पहुंचा रहे हैं।
वही दूसरी तरफ फुलवारीशरीफ शिविर मंडल कारा के सुपरीटेंडेंट दानापुर जेल के प्रभारी जेल सुपरिटेंडेंट लाल बाबू यादव ने कहा कि फुलवारी शरीफ और दानापुर में बंदी भाइयों को राखी बांधने आई बहनों को गेट के अंदर बुलवाकर बारी-बारी से राखी बंधवाया गया है। फुलवारी शिविर मंडल कारा में लगभग 400 से अधिक बंदी भाइयों को उनकी बहने राखी बांधने आई थी।