गंभीर संकेतों की पहचान कर नवजात की करें सुरक्षा

बिहार बिहारशरीफ

— नवजातों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बीमारी की जानकारी जरूरी
— एसएनसीयू में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध
— फैसिलिटी एवं समुदाय स्तर पर नवजात के लिए कई सुविधाएँ

बिहारशरीफ, अविनाश पांडेय: कोरोनाकाल में सभी अपनी सेहत को लेकर सचेत हैं और जरूरी सावधानियां अपना रहे हैं. लेकिन नवजात की सेहत का ध्यान इस महामारी के समय में परिवार के सभी सदस्यों को रखना है. सही समय पर उचित स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में नवजात को गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है. नवजात में होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं की समय पर पहचान कर उन्हें सुरक्षित किया जा सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए फैसिलिटी एवं समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करायी गई हैं. जिसमें स्पेशल न्यू बोर्न यूनिट (एसएनसीयू) की भूमिका अहम है.

डिस्चार्ज बच्चों का फॉलोअप:

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया एसएनसीयू से डिस्चार्ज होने के बाद भी कम वजन वाले बच्चों में मृत्यु का अधिक ख़तरा रहता है. स्वस्थ्य नवजात की तुलना में जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों में कुपोषण के साथ मानसिक एवं शारीरिक विकास की दर प्रारंभ से उचित देखभाल के अभाव में कम हो सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए नवजात के डिस्चार्ज होने के बाद भी उनका नियमित फॉलोअप किया जाता है. इसके लिए आशाएं शिशुओं को 3 माह से 1 वर्ष तक त्रैमासिक गृह भ्रमण कर उनकी देखभाल करती हैं.

ऐसे बच्चों की होती है एसएनसीयू में भर्ती

• जन्म के समय 1800 ग्राम या उससे कम वजन के नवजात शिशु
• 34 सप्ताह से पूर्व जन्म लिए नवजात शिशु
• जन्म के समय या बाद में सांस नहीं ले पा रहे नवजात शिशु
• स्तनपान करने में अक्षम बच्चे
• गंभीर पीलिया से ग्रसित बच्चे
• नवजात शिशु का शरीर नीला पड़ने, किसी भी अंग से रक्तस्राव होने एवं गंभीर दस्त से ग्रसित नवजात शिशु
• जन्मजात विकृति से ग्रसित नवजात शिशु (होंठ कटा होना, तालू चिपका होना एवं हाथ या पैर टेढ़े होने पर)

खुद जानें नवजात की समस्या:

नवजात में होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं की सही समय पर जानकारी होना जरूरी है. इससे उनकी जान बचायी जा सकती है. नवजात की जटिलताओं को जानकर तुरंत आशा या एएनएम से संपर्क करना चाहिए या फिर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में नवजात को ले जाना चाहिए.

• नवजात स्तनपान नहीं कर पा रहा हो
• नवजात का शरीर अधिक ठंडा या गर्म हो गया हो
• नवजात के शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही हो
• नवजात को अचानक दौरे पड़ रहे हों