पूर्णिया/राजेश कुमार झा। जिला समाहरणालय से महज 1500 मीटर की दूरी पर पूरे बिहार का एक ऐसा सरकारी स्कूल जो पूर्णिया जिले के हाउसिंग कॉलोनी में स्थित है, जो बिहार के शिक्षा विभाग को पिछले 16 वर्षों से मुंह चिढ़ा रही है. जिसने पूरे बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है.
सबसे बड़ी बात जहाँ 130 नौनिहाल पिछले 16 वर्षों से तपती धूप, बरसात एवं प्रचंड ठंड में पढ़ रहे है. जहाँ से पास होकर न जाने आज कितने बच्चे आज डॉक्टर, इंजीनियरिंग सहित यूपीएससी की पढ़ाई कर रहे होंगे. उस स्कूल को इन 16 वर्षों से किसी ने देखने तक की कोशिश नहीं की. जब बिफोरप्रिन्ट मीडिया की नजर इस प्रचंड गर्मी में पढ़ रहे इन नौनिहालों पर पड़ी तो इस स्कूल की खबर को प्रमुखता से छापी.

खबर चलने के बाद पूरा बिहार हरकत में आ गया.उसके बाद जिला प्रशासन से लेकर शिक्षा विभाग हरकत में आया और फिर जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई. तकरीबन एक महीने के बाद जब बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के मुख्य सलाहकार अरविंद कुमार सिंह ने बिफोरप्रिन्ट मीडिया की खबर पर संज्ञान लिया आयुक्त एवं जिलापदाधिकारी से लेकर तमाम आलाधिकारियों इसकी जानकारी देते हुए बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक इस स्कूल की पूरी जानकारी पहुंचा दी गई. अब देखना ये है कि कब तक इन नौनिहालों को पक्के की छत नसीब होती है.
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