पूर्णिया/राजेश कुमार झा। जिले में ओवरलोडिंग के इस खेल में इंट्री माफिया ने देखते ही देखते अकूत सम्पत्ति हासिल कर ली। हाल के दिनों में पूर्णिया में करोड़ों रुपयों की जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई है। अब ये आ गए है आर्थिक अपराध इकाई के रडार पर।
बताते चलें कि बाहर से लड़कों को बुलाकर और बंगाल के सिम कार्ड से इंट्री माफियाओं के पूरा काला साम्राज्य काम करता है। ये इंट्री माफिया जिस जिले में अपना गोरखधंधा चलाते है, वहां के लोकल लड़कों को अपने गिरोह में शामिल नहीं करते है, ताकि किसी भी तरह की कोई भी गोपनीय बात लीक न हो जाय।
गिरोह में शामिल करने से पहले इनकी शर्त होती है कि जहां भी रहें, वहां किसी से दोस्ती न करें। किसी को अपना मोबाइल नंबर नहीं शेयर करें। गिरोह का कोई सदस्य अपने नाम से कोई भी सिम नहीं रखेगा। गिरोह के सभी सदस्यों को बंगाल का सिम दिया जाता है.ताकि कभी कोई भी इनसे सम्पर्क नहीं कर सके।
बताते चलें कि इंट्री माफियाओं का पूरा गिरोह बहुत ही सावधानी से पूरे काम को अंजाम देता है। इन गिरोह के पास पहले से ही ओवरलोडिंग ट्रकों का नम्बर आ जाता है। जिस ओवरलोडिंग ट्रकों से बात नहीं बनी, उसका नम्बर MVI, खनन विभाग और लोकल थाने को दे दिया जाता है।
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उसके बाद खनन विभाग, परिवहन विभाग और पुलिस इतनी ईमानदारी दिखाती है कि ट्रक मालिक से 90 हजार से लेकर एक लाख 20 हजार रुपये तक फाइन करते है। कहने का मतलब है कि बिना इंट्री माफियाओं को चढ़ावा दिए आपकी गाड़ी गुजर नहीं सकती।