पूर्णिया/राजेश कुमार झा : देश में एक ऐसा बैंक भी चल रहा है.जिसके पास न कोई खाता होता है और न बही.जिसके पास न कोई अकाउंटेंट होता है और न कोई स्टाफ.यहां तक कि इस बैंक का कोई ऑफिस भी नहीं होता है.लेकिन बैंक सालाना कारोबार करोड़ों का होता है.इस बैंक के पास सिर्फ गुंडे होते है.इसलिए लोग इन्हें गुंडा बैंक कहते है.ये बैंक प्रोपर्टी से लेकर सभी तरह की कर्ज देती है.अगर आपको कोई प्रोपर्टी खरीदनी हो या बेचनी हो,आपको बस एवं ट्रक खरीदने से लेकर महंगी से महंगी कार खरीदनी हो,आपको फसल उपजाने से लेकर फसल की खरीद-बिक्री करनी हो,आपको बेटी की शादी करनी हो तो ये बैंक आपको ये बैंक तुरन्त कर्ज देती है.
आपको एक स्टाम्प पेपर पर अपना दस्तखत करना है.कहने का मतलब आपको कोई भी कर्ज चाहिये तो ये बैंक आपको मिनटों में कर्ज देती है.आपको सिर्फ इनके द्वारा बनाये गए स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षर करना होगा.सबसे बड़ी बात,जो भी इन गुंडा बैंक से कर्ज लिया,वो कभी भी कर्ज चुका ही नहीं पाता है.जिससे इस बैंक का सालाना कारोबार करोड़ों में चला जाता है.ये बैंक बिहार एवं यूपी में सबसे अधिक देखे जाते है.सिर्फ पूर्णिया सहित पूरे सीमांचल में 27 गुंडा बैंक संचालित है.बायसी,धमदाहा, बनमनखी सहित पूर्णिया अनुमंडल में लगभग 12 बैंक है जो पूरी तरह से संगठित होकर अपना काम कर रही है.
….कई लोगों ने अच्छा तो कई लोगों ने बुरा कहा…
बिफोरप्रिन्ट ने बायसी,धमदाहा, बनमनखी एवं पूर्णिया अनुमंडल के कई गांवों का सर्वे किया तो वहां के कई लोगों ने इस गुंडा बैंक को अच्छा कहा तो कइयों ने इसे खराब बताया.कई लोगों ने कहा कि हमलोग किसान है सर,फसल के वक्त जब हमलोगों को रुपये की सख्त जरूरत होती है तो इन गुंडा बैंक के अलावे कोई भी बैंक और सरकार हमलोगों की मदद नहीं करता है.इन लोगों का थोड़ा कर्ज ज्यादा होता तो जरूर है,लेकिन वक्त में काम आता है.
एक किसान ने कहा कि मुझे अपनी बिटिया की शादी करनी थी तो इस बैंक से तुरन्त हमको कर्ज मिल गया.36 साल के एक युवक ने बताया कि हम बेरोजगार है.मेरी शादी भी हो चुकी है.कहीं कोई काम भी नही मिल रहा था.तब हमने इस गुंडा बैंक से कर्ज लेकर एक पिकअप खरीदे और उसको चलाकर हम अपना परिवार आज बहुत अच्छा चला रहे है और कर्ज का रुपया भी लौटा रहे है.