पूर्णिया:-08 जून(राजेश कुमार झा) टीओपी थानाध्यक्ष गोलीकांड मामले में नया मोड़ आया है.इस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही एसआइटी की टीम कई बिंदुओं पर जांच कर रही है.इसी क्रम में एसआईटी ने उस कार में सवार टीओपी थानाध्यक्ष मनीष यादव,मरंगा थाना के अपर थानाध्यक्ष जितेंद्र राणा के साथ घटना के वक्त उसी कार में सवार तीसरा प्राइवेट व्यक्ति कौन था और उन दोनों के साथ इस तीसरे प्राइवेट व्यक्ति का क्या सम्बन्ध है.सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि गुप्त सूचना पर जब पुलिस काम कर रही है तो तीसरे प्राइवेट आदमी कार पर क्या कर रहा था.
गोली अगर मनीष यादव को नहीं लग कर अगर उस प्राइवेट आदमी को लग जाती तो पुलिस आज क्या जबाव देती.बताते चलें कि टीओपी थानाध्यक्ष गोलीकांड मामले में जांच कर रही एसआइटी की टीम उस तीसरे प्राइवेट शख्स की भूमिका पर गहन छानबीन कर रही है.एसआइटी इन बिंदुओं पर जांच कर रही है कि गुप्त सूचना पर काम कर रही पुलिस के साथ प्राइवेट आदमी क्या कर रहा था. इन लोगों के साथ इस प्राइवेट आदमी का क्या सम्बन्ध है.
कार ड्राइव कर रहे टीओपी थानाध्यक्ष मनीष यादव और कार में सवार अपर थानाध्यक्ष जितेन्द्र राणा की नजर उन अपराधियों पर क्यों नहीं पड़ी.बताते चलें कि कार में सवार तीसरा व्यक्ति ही मनीष और जितेंद्र को बताया कि सर दो मोटरसाइकिल सवार का पीछा कीजिये.कुछ गड़बड़ लग रहा है.इस घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक आमिर जावेद काफी गम्भीर है.उन्होंने कहा कि उस तीसरे प्राइवेट शख्स की भूमिका की जांच हो रही है.