पूर्णिया : शातिर किडनैपर्स को रुपया मिलते ही वो अपने प्लानिंग पर काम शुरु कर चुका था..महज दो किलोमीटर दूर थी मौलवी की मौत…पढ़ें पूरी खबर

पूर्णियाँ

-बंगाल से अगवा मौलवी को किडनैपरों से छुड़ाया

RAJESH JHA : प्रॉपर्टी डील के बहाने मौलवी को धोखे से बुलाया, किडनैपिंग के बाद मांगी 15 लाख की फिरौती, हत्या की प्लानिंग से पहले पुलिस ने दबोचा.बीते 13 अप्रैल से अगवा पूर्णिया के मौलवी को पुलिस ने सकुशल किडनैपरों के चंगुल से छुड़ा लिया है.पुलिस ने किडनैपिंग में शामिल 03 किडनैपरों को भी धर दबोचा है. किडनैपरों ने इससे पहले मौलवी के परिवार वालों को कॉल कर 15 लाख की फिरौती मांगी थी. बात लीक करने पर किडनैपरों ने अगवा मौलवी और उसके साथी को जान मार कर फेंक देने की धमकी दी थी.शातिर किडनैपर अपने अगले प्लान के तहत मौलवी और उसके साथी को मारने वाले ही थे,कि तभी वे पुलिस के हाथों दबोचे गए.

सहायक खजांची की पुलिस ने बंगाल पुलिस के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है.अगवा किए गए मौलवी की पहचान हसरतगंज,लाइन बाजार पूर्णिया के वार्ड 29 निवासी अबू ओसामा के रूप में हुई है.वहीं मौलवी के अगवा साथी की पहचान मो0 तौहीद के रूप में हुई है.अगवा मौलवी ने बताया कि वे झाड़ फूंक का काम करते हैं. करीब 9 माह पूर्व उसकी मुलाकात बंगाल के इस्लामपुर के रहने वाले मो0 असफुद्दीन से हुई थी.13 अप्रैल को उनकी मो0 अफासुदुद्दीन से सेबाइन नर्सिंग होम की खरीद के सिलसिले में बात हुई.अफासदुद्दीन 1 करोड़ 30 लाख में इस नर्सिंग होम को खरीदने की डील की थी.

जब वे 13 अप्रैल को अपने साथी मो0 हमीद के साथ बंगाल के इस्लामपुर पहुंचे तो यहां मो0 अफासदुद्दीन ने अपने 3 अन्य साथियों के साथ उसे और उसके साथी को अगवा कर लिया और फोन व मैसेज कर घरवालों से 15 लाख की डिमांड की गई.इसमें से 40 हजार तत्काल भेजे गए जो किडनैपरों ने किडनैपिंग के मामले में अकाउंट में मंगवाया था. मौलाना ने बताया कि किडनैपर उसे और उसके साथी को 4 दिनों तक घुमाते रहे.आगे वे दोनों को मारने की प्लानिंग में ही थे कि इससे पहले ही पोठिया पुलिस की नजर पड़ी.गाड़ी को संदिग्ध पाकर पुलिस ने ऑल्टो कार को जैसे ही रोका.एक किडनैपर फरार हो गया.जबकि 3 किडनैपरों को पुलिस ने धर दबोचा है.

इसके बाद कार में मौजूद मौलवी ने पोठिया पुलिस को अपनी किडनैपिंग की सारी बात बताई.जिसके बाद पोठिया पुलिस ने मौलवी के बरामदगी में लगी सहायक खजांची की पुलिस को मौलवी के बरामदगी की जानकारी दी,और फिर पुलिस उसे पोठिया से बंगाल लेकर आई.वहीं समूचे मामले पर सदर एसडीपीओ सुरेंद्र कुमार सरोज ने बताया कि परिजनो की ओर से मौलवी को अगवा किए जाने से जुड़ी बात पुलिस को बताई गई. मौलवी ने किसी तरह छिपकर उसने फोन से घर वालों को अगवा किए जाने के साथ ही बंगाल के इस्लामपुर की अपनी लोकेशन बताई.

इसके बाद सहायक खजांची की 4 सदस्यीय पुलिस इस्लामपुर पुलिस की मदद से छापेमारी करती रही. शातिर किडनैपर लगातार अपनी लोकेशन बदलते रहे.हालांकि आखिरकार पुलिस ने शातिर किडनैपरों को धर दबोचा है. वहीं किडनैपरों ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है कि पुलिस उसे फंसा रही है.मौलवी एक बॉक्स में सोना लेकर उसे बेचने पहुंचा था, सोने के बजाए बॉक्स से राख निकला,इसी बात को लेकर मौलवी को बंधक बनाकर उन्होंने रखा था.