पूर्णिया : बिफोरप्रिन्ट डिजिटल का बड़ा खुलासा…अगर टाइगर मोबाइल ने स्मैक तस्कर को गिरफ्तार कर लेता तो उसके घर से 80 लाख का स्मैक बरामद होता…चंद रुपयों के लोभ में फैलने के लिए छोड़ दिया स्मैक जैसी जहर को… पढ़ें पूरी खबर

पूर्णियाँ

पूर्णिया:-10 अक्टूबर(राजेश कुमार झा) स्मैक तस्करों के साथ सांठगांठ मामले में निलंबित हुए दो टाइगर मोबाइल सिपाही मामले में नया खुलासा सामने आया है.बताते चलें कि बिफोरप्रिन्ट डिजिटल ने स्मैक कारोबारी रूपेश मेहता से सांठगांठ मामले निलंबित हुए दो टाइगर मोबाइल की जब पड़ताल शुरू की तो कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आये.स्मैक कारोबारी रूपेश मेहता के खास कारिंदे से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले तीन महीनों से ये टाइगर मोबाइल का स्मैक कारोबारी रूपेश के घर आना-जाना था.

इन लोगों के बीच अच्छे सम्बन्ध भी थे.किसी कारण से इन लोगों के बीच विगत कुछ दिनों से सम्बंध में दरार पड़ गई थी.जिस कारण दोनों एक दूसरे से दूरी बनाकर रहने लगे.इसी बीच टाइगर मोबाइल को ये सूचना मिली कि स्मैक का एक बड़ा खेप जानकीनगर में रूपेश मेहता के पास पहुंच चुका है.दोनों टाइगर मोबाइल सिपाही ने इस बार रूपेश मेहता से बदला लेने की योजना बनाकर रूपेश यादव के घर पहुंच गए.

अचानक घर पर दोनों टाइगर मोबाइल को देख स्मैक कारोबारी रूपेश मेहता को काफी गुस्सा आया और दोनों के बीच काफी कहासुनी शुरू हो गई. मामला बढ़ता देख आसपास के लोग भी जमा हो गए.गावँ वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और दोनों टाइगर मोबाइल सिपाही को अपने साथ ले आई. सूत्रों की मानें तो स्मैक तस्कर रूपेश मेहता के पास तकरीबन 80 लाख रुपये मूल्य की स्मैक की एक बड़ी खेप पहुंच चुकी थी.

अगर ये दोनों टाइगर मोबाइल सिपाही चाहता तो इस बात की सूचना अपने वरीय पुलिस पदाधिकारी को देकर 80 लाख रुपये मूल्य के स्मैक को पकड़वा सकते थे.लेकिन चंद रुपये के लोभ ने इस स्मैक जैसी जहर को फैलने के लिये छोड़ दिया. फिलहाल दोनों टाइगर मोबाइल सिपाही निलंबित है और दोनों पर अग्रतर कारवाई की जा रही है.