पूर्णिया:-02 फरवरी(राजेश कुमार झा)कुलपति राजनाथ यादव के बजट सत्र की अध्यक्षीय भाषण के बाद सीनेट सदस्य विधान पार्षद डॉक्टर रजनीश रंजन,डॉक्टर संजीव कुमार,राकेश कुमार, कौशल्या जायसवाल ने अपनी बात रखी.
सीनेट सदस्यों के बीच राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर अध्यक्षीय भाषण में कहा कि बजट की बैठक में अलग से बैठक की आवश्यकता है.बैठक साल में दो बार हो जिससे सभी विषयों पर चर्चा हो सके.जिससे इन समस्याओं का समाधान निकाला जा सके.
राजभवन के कामकाज के साथ ही विश्वविद्यालय के कामकाज में पारदर्शिता आनी चाहिए.इससे आरोप-प्रत्यारोपों को निरस्त किया जा सकेगा.सत्र परीक्षा और रिजल्ट के विलंब का कारण आउटसोर्सिंग एजेंसी को बताया.
उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग एजेंसी चाहती है कि विश्वविद्यालयों की डिपेंडेसी उनके ऊपर हो ताकि वे अपनी मनमानी चला सकें.महाराष्ट्र का अनुभव शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में आउटसोर्सिंग जैसी कोई चीज नहीं.
विश्वविद्यालय के कर्मी ही सत्र,परीक्षा और रिजल्ट और दूसरी अकादमिक कार्यों को पूरा करें.विश्वविद्यालय के कर्मियों को तकनीकी रूप से ट्रेंड करने की जरूरत है.एडमिशन कॉलेज लेवल पर ही होना चाहिए.
कॉलेज में एडमिशन स्थानीय स्तर पर हो ताकि बच्चे नियमित रूप से पठन -पाठन में भाग ले सकें.सीनेट और विश्वविद्यालय के बीच विश्वास का नाता बनाने की आवश्यकता है.
प्रमोशन पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का प्रमोशन समय पर करने की जरूरत है.प्रोन्नति कर्मियों का हक हमारी दया नहीं है.समय पर प्रोन्नति न होने के कारण कर्मी आवेदन भी नहीं दे पाते.
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय शोध के लिए होता है उसे कॉलेज न बनाएं.सभी विश्वविद्यालय से प्रत्येक वर्ष 100 शोध होने की जरूरत है तभी विश्वविद्यालय की प्रासंगिकता सामने आ पाएगी.