पूर्णिया : मुझे गोली लगी है,मुझे हॉस्पिटल ले चलिए सर….जितेंद्र राणा के आँखों से आंसू निकल गए..खतरे से बाहर है टीओपी थानाध्यक्ष मनीष यादव… देर रात अपराधियों की गोली से घायल हो गए थे,सभी अपराधियों की हो गई है पहचान…पुलिस के डर से कोर्ट में सरेंडर कर सकते है अपराधी…पढ़ें पूरी खबर

पूर्णियाँ

पूर्णिया:-05 जून(राजेश कुमार झा)जिले में अपराधियों के हौंसले इतने बुलन्द है कि किसी पर भी कहीं भी ठांय-ठांय कर देते है.ताजा घटना शहर के रात्रि 11 बजकर 30 मिनट में पंचमुखी मंदिर से 100 मीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे 31 पर हुआ.बताते चलें कि मक्का के सीजन को लेकर आये दिन लूटपाट की घटना बहुत अधिक बढ़ जाती है.जिससे किसान से लेकर व्यापारियों तक को परेशानी हो जाती है.पुलिस अधीक्षक आमिर जावेद ने इस पर लगाम लगाने को लेकर सभी थानाध्यक्षों को सतर्क रहने के साथ-साथ अपराधियों पर नजर रखने की सलाह दी है.

इसी क्रम में मधुबनी थानाध्यक्ष मनीष यादव,अपर थानाध्यक्ष मरंगा जितेंद्र यादव को सूचना मिली कि दो पल्सर मोटरसाइकिल पर तीन-तीन लोग मुँह पर कपड़ा बांधे बड़ी तेजी से मोटरसाइकिल पर सवार होकर खुशकीबाग की तरफ से लाइन बाजार की ओर जा रहा है. तत्काल इसकी सूचना सभी थानाध्यक्षों को मिल गई.संयोग से पंचमुखी की तरफ से मधुबनी टीओपी मनीष यादव एवं अपर थानाध्यक्ष मरंगा जितेंद्र राणा भी अपनी निजी वाहन से आ रहे थे. इन दोनों को भी इसकी सूचना मिल गई और ये दोनों पुलिस अधिकारी अविलंब एक्टिव होकर पंचमुखी मंदिर के पास दोनों पल्सर मोटरसाइकिल सवार का इंतजार करने लगे.

कुछ ही देर में इनके सामने से बड़ी तेजी से दोनों मोटरसाइकिल निकली.इन दोनों ने भी अपनी निजी गाड़ी से पल्सर मोटरसाइकिल सवार अपराधियों का पीछा करने लगे. महज 100 मीटर के अंदर मधुबनी टीओपी थानाध्यक्ष मनीष यादव और मरंगा थाना के अपर थानाध्यक्ष जितेंद्र राणा ने उन दोनों पल्सर मोटरसाइकिल सवार अपराधियों को रुकने का इशारा किया.लेकिन पल्सर मोटरसाइकिल सवार अपराधियों ने इन लोगों को देखते ही असंतुलित हो गया और सड़क पर गिर पड़ा.तत्क्षण मनीष यादव ने अपनी ड्राइविंग सीट का गेट खोलकर उतरा ही था कि अपराधियों ने मनीष यादव पर गोली चला दी.

गोलीकी आवाज सुनते ही जितेंद्र राणा ने पिस्टल कॉक किया तो इनका पिस्टल ही फंस गया.तब्यक सभी अपराधी फरार हो गए.मनीष यादव ने कहा मुझे गोली लगी है सर,मुझे हॉस्पिटल ले चलिये.इतना सुनते ही जितेंद्र राणा के आंख से आंसू बह गये. जितेंद्र ने काफी हिम्मत दे काम लिया और मनीष को निजी अस्पताल में भर्ती करवा कर निकल गए अपराधियों को गिरफ्तार करने.पूरी रात अपराधियों को खोजती रही पूर्णिया पुलिस.सूत्रों की माने तो सभी अपराधियों की पहचान हो चुकी.दूसरी तरफ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस के डर से कोर्ट में सरेंडर कर सकते है.लेकिन पुलिस उन सभी अपराधियों को हर हाल में पकड़ना चाहती है.खबर लिखने तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.