Purnia: नगर आयुक्त आरिफ हसन की करवाई से मचा हड़कंप, अवैध निर्माण करने वाले रसूखदारों के खिलाफ चला नगर निगम का डंडा

पूर्णियाँ

रमेश अग्रवाल और ऋतिक प्रभात एवं रितेश कुमार के जैसे रसूखदार बड़े बिल्र्डर्स की मल्टी स्टोरेज कमर्शियल बिल्डिंग को सील करने का जारी हुआ निर्देश.. पढ़ें पूरी खबर

Purnia, Rajesh Kumar Jha : नगर आयुक्त आरिफ़ हसन की कारवाई से मचा हड़कंप.अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ नगर निगम का की कारवाई से मच गया हड़कम्प. बताते चलें कि नगर निगम के नक्शे को दरकिनार कर अवैध निर्माण करने वाले ऋतिक प्रभात एवं रितेश कुमार की कमर्शियल मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग की छठवीं तले(6th floor) को नगर निगम ने सील करने के आदेश जारी कर दिए है.दूसरी तरफ जिले के एक बड़े रसूखदार और अपने आपको कानूनी दावँ-पेंच में माहिर समझने वाले रमेश अग्रवाल की पूरी बिल्डिंग को अवैध करार देते हुए,सील करने का आदेश जारी कर दिया गया.इसे नगर निगम पूर्णिया के इतिहास में अब की सबसे बड़ी कारवाई कही जा रही है.नाम नहीं छापने की बात पर एक बिल्र्डर्स ने कहा कि वर्तमान नगर आयुक्त आरिफ हसन का पूर्णिया से जिस दिन ट्रांसफर हुआ, उसके बाद सारे अवैध काम अपने आप वैध हो जाएंगे.

बताते चलें कि अपने आपको कानूनी दावं-पेंच का सबसे बड़ा खिलाड़ी समझने वाले और रसूखदार रमेश अग्रवाल ने तो हद कर दी.इन्होंने जिला समाहरणालय से महज 200 मीटर की दूरी पर जिला प्रशासन के नाक के नीचे बिना नक्शा पास किये मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग ही खड़ी कर दी और उसे बेच भी दिया.देखने वालों ने इसे जिला प्रशासन की सबसे बड़ी हार कहा.देखने वालों ने कहा कि जब ये जिला प्रशासन के कलेजे में बिना नक्शा पास किये,इतनी बड़ी बिल्डिंग बनाकर बेच सकता है तो बांकी लोगों को नक्शा पास कराने की क्या जरूरत है.बताते चलें कि पिछले 6 सालों से नगर निगम की नाक के नीचे बिना नक्शा पास किये वगैर अवैध निर्माण कर बेच देना, ये किसी अपराध से कम नहीं है.

इससे लोगों के बीच एक गलत मैसेज जाता है.लेकिन कहते है ईश्वर के घर देर है,अंधेर नहीं.बस सिर्फ किसी ईमानदार पदाधिकारी से आमना-सामना होने की जरूरत है.सभी कानूनी दावँ-पेंच धरे के धरे ही रह जाएंगे.बताते चलें कि नगर निगम ने नक्शा को नजरअंदाज कर एवं बिना नक्शा के अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई करते हुए बिल्डिंग को सील करने का आदेश जारी कर दिया है.रमेश अग्रवाल की पूरी बिल्डिंग की सील करते हुए 10 लाख रुपये का जुर्माना किया गया है.