पूर्णिया (राजेश कुमार झा) : न छुट्टी न वेतन आखिर कैसे करें ड्यूटी.खुद खाली पेट रहकर अपना कर्तव्य निभा रहे इन डाक्टरों को इस बदहाल स्तिथि तक पहुंचने वाले कौन है, आखिर कौन है इनका जिम्मेवार। बताते चलें कि पूर्णिया में सरकार ने मेडिकल कॉलेज तो बना दिया लेकिन अस्पताल को को मेंटेन करने के लिए सरकार को कोई चिंता ही नहीं है।
अस्पताल में कार्यरत डाक्टर व बाहर से आए कर्मचारियों के लिए भोजन, आवास व मुलभूत सुविधाओं से वंचित है।यहां तक कि नव प्रतिनियुक्त डॉक्टरों को तीन महीने से वेतनमान भी नहीं मिला है, अस्पताल में 22 डॉक्टरों को प्रतिनियुक्त किया गया है, यह सभी डॉक्टर एसआर,जीआर के है।
सरकार ने इन डॉक्टरों को नियुक्ति देकर ड्यूटी पर लगा दिया,लेकिन आवास सुविधा और वेतन देना शायद भूल गए। बता दें कि इस सभी 22 डॉक्टरों का वेतन 1 लाख से अधिक है। इन्ही मांगों को लेकर मेडिकल कॉलेज में कार्यरत एसआर,जीआर के सभी डॉक्टरों ने इमरजेंसी वार्ड के सामने इकट्ठा होकर अस्पताल प्रबंधक के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया और काम से अपने को अलग रखा। डॉक्टरों ने कहा कि यदि जल्द उनको बकाया वेतन का भुगतान और आवास सुविधा नहीं दिया गया तो वह लोग अनिश्चित कालीन के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे।
वहीं इस संबंध में डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि तीन महीने से वेतन नहीं मिलने से डॉक्टरों को भूखे रहने की नौबत आ गई है। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के लिए आवास बनकर तैयार है लेकिन उपलब्ध नहीं कराया गया है। अस्पताल परिसर में भोजन की सुविधा तो क्या एक कैंटीन भी नहीं है, चाय नास्ता के लिए भी अस्पताल परिसर से बाहर जाना पड़ता है। डाक्टर होटल में रहते हैं और वहीं भोजन भी करके ड्यूटी करते हैं।