पूर्णिया : पुलिस कितनी भी टाइट हो जाय…हमलोगों को पकड़ नहीं सकती…पुलिस हमलोगों के बीच के लोगों को फोड़कर ही सूचना ले रही है…कमाई बहुत अच्छी है..लाने में भी आसानी एवं बेचने में भी आसानी..एक लाख रुपया महज दूसरे दिन बन जाता है चार लाख…पढ़ें स्मैक में कसता शिकंजा

पूर्णियाँ

पूर्णिया:-09 मार्च(राजेश कुमार झा)पूर्णिया पुलिस का स्मैक में कसता शिकंजा के बाबजूद हर दिन स्मैक की बरामदगी ने पुलिस एवं समाज के लिए एक बहु बड़ा चैलेंज बनता जा रहा है. लेकिन इसकी जरा सी भी फिक्र समाज के लोगों को नहीं है.अगर समाज इस नशे के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दे तो वो दिन दूर नहीं की ये स्मैक जड़ से ही खत्म हो जाएगा.लेकिन अगर समाज ने ऐसी जिम्मेदारी लेगी तब.यहां हो समाज ने सारी जिम्मेदारी तो पुलिस को ही दे रखी है.

और पुलिस जितना कर सकती है वो कर ही रही है.बताते चलें कि स्मैक तस्करी के आरोप में जेल से छुटने के बाद स्मैक तस्कर ने बिफोरप्रिंट डिजिटल से बातचीत में कहा कि सर स्मैक के धंधे में कमाई इतनी बड़ी है कि कोई भी एक बार इस धंधे में घुसता है तो दोबारा बाहर नहीं निकल पाया है.क्योंकि 50 ग्राम एवं 100 ग्राम स्मैक लेकर हमलोग पुलिस की जांच से भी बाहर निकल जाते है.क्योंकि इतनी कम मात्रा को हमलोग पूरे शरीर में कहीं भी छिपा कर ले आते है.

पुलिस को अगर किसी ने सूचना दी तो हमलोग पकड़े जाते है.लेकिन ऐसे पुलिस की चेकिंग में हमलोगों को कोई पकड़ ही नहीं पाता है.स्मैक तस्कर ने आगे बताया कि सर एक लाख का ब्राउन शुगर को हमलोग महज दूसरे दिन चार लाख में बेच लेते है.क्योंकि स्मैक की खपत बहुत ज्यादा हो गई है.

इसलिए हमलोग इसे आसानी से ले आते है और आसानी से बेच देते है.लेकिन फिलहाल पुलिस का शिकंजा इतना बढ़ गया है कि हमलोगों को भी एक दूसरे पर विश्वास नहीं होता है.पुलिस भी हमलोगों के बीच के लोगों को फोड़कर सूचना ले रही है.