पूर्णिया/राजेश कुमार झा। पूर्णिया शहर मुख्यालय के बीच 120 नौनिहालों का एक ऐसा स्कूल,जहाँ इस भीषण चिलचिलाती गर्मी में टीन की छत और टीन की दीवारों के साथ पढ़ने को मजबूर है.जहां इन नौनिहालों के लिए कोई भी बेसिक सुविधा तक नहीं है।
बिफोरप्रिन्ट की टीम जब इस स्कूल का मुआयना किया तो टीन की दीवारों पर महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू,डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद,लाल बहादुर शास्त्री एवं सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीरें जरूर टँगी थी। देश के ये नौनिहाल नीचे मिट्टी की जमीन पर बैठे थे। 120 छात्रों का स्कूल और कमरे मात्र एक.ये स्कूल है प्राथमिक विद्यालय हाउसिंग कॉलोनी,इंदिरा नगर,सदर मुख्यालय,वार्ड नम्बर 14 , जो जिला समाहरणालय से महज 1500 मीटर और जिला शिक्षा पदाधिकारी के ऑफिस से महज एक 1000 मीटर दूर अवस्थित है।
इसके बाबजूद किन्हीं पदाधिकारियों की नजर इस स्कूल पर आज तक नहीं पड़ी है.बताते चलें कि 2006 में इस स्कूल की स्थापना हुई थी लेकिन आज 16 साल के बाद भी इसकी दशा नहीं बदली। सबसे बड़ी बात 120 छात्रों को पढ़ाने के लिये इस स्कूल में चार इंटर प्रशिक्षित शिक्षक है। जो हर महीने इन नौनिहालों को पढ़ाने का वेतन सरकार से लेते है लेकिन ये चारों इंटर प्रशिक्षित टीचर इन 120 नौनिहालों को कब और कहां पढ़ाते है। इनसे पूछने वाला भी कोई नहीं है। सबसे बड़ा सवाल अगर जिला मुख्यालय में ऐसा स्कूल है तो जिला शिक्षा विभाग की नजर आज तक क्यों नहीं पड़ी। दूसरी बात क्या ये चारों शिक्षक सिर्फ अपना वेतन लेने आते है,क्या इन चारों की कोई मौलिक जिम्मेदारी नहीं है।
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