पूर्णिया/राजेश कुमार झा। पूर्णिया के लक्ष्मी नगर कहे जाने वाले गुलाब बाग का अपना अलग ही इतिहास हैं। गुलाब बाग नाका थाना और लोहापट्टी के बीच में मेला ग्राउंड है। यह मेला ग्राउंड करीब 25 एकड़ में फैला हुआ है। आलम यह है कि इस ऐतिहासिक मेला ग्राउंड सरकारी उदासीनता के कारण विलुप्त होने के कगार पर है। गुलाबबाग मेला ग्राउंड का इतिहास करीब 90 साल पुरानी है। इस मेला ग्राउंड का स्थापना राजा पी0 सी0 लाल ने वर्ष 1930 में किया था।
उन्होंने इसके लिए करीब 25 एकड़ जमीन भी दिए थे। ग्राउंड में हर साल भव्य रूप से मेला का आयोजन भी किया जाता था। लेकिन वर्तमान में स्थिति यह है कि मेला ग्राउंड के जमीन ही गायब होने लगा है। सोनपुर मेला पूरे देश में प्रख्यात है। लेकिन सोनपुर के बाद देश के सबसे बड़ा मेला गुलाब बाग मेला ग्राउंड में लगता था। गुलाब बाग मेला देखने के लिए देश के कोने कोने से लोग आते थे। यहां तक कि पडोसी देश नेपाल से भी लोग मेला देखने आते थे।
मेला में मनोरंजन के साधन के साथ साथ सभी तरह के सामान भी मिलता था। लोग जमकर मेला का आनंद उठाते थे और अपने जरूरत की सामान खरीदते थे। यह मेला करीब एक महीने तक निरंतर चलता था। लेकिन अब यह मेला देखने के लिए लोग अब तरस गए हैं। सोनपुर के बाद गुलाबबाग में होता था सबसे बड़े मेला का आयोजन। सोनपुर के बाद गुलाबबाग में होता था सबसे बड़े मेला का आयोजन।
गुलाबबाग का ऐतिहासिक मेला अब सरकारी उदासीनता के कारण विलुप्त हो चुका है। करीब 10 साल पूर्व ग्राउंड में मेला का आयोजन बंद है। वजह है कि सरकार से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि तक मौन धारण किए हुए हैं। नए पीढ़ी के लिए यह मेला ग्राउंड अब सिर्फ इतिहास बन कर रह गया है। गुलाबबाग मेला ग्राउंड के जमीन अब बंदरबांट होने लगे हैं। इस सरकारी जमीन पर अब भू माफियाओं का कब्जा हो गया है।
यहां तक कि मेला ग्राउंड के जमीन को अतिक्रमण कर लिया गया है और जमीन पर झोपडपट्टी से लेकर महल तक खड़े हो गए हैं। यहां तक कि नगर निगम ने मेला ग्राउंड को कचरा फेंकने के लिए डंपिंग जोन भी बना दिया है। वैसे सदर विधायक विजय कुमार खेमका ने बताया कि जल्द ही मेला ग्राउंड को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा और ग्राउंड में पार्क का निर्माण किया जाएगा। पार्क के लिए सरकार ने दो करोड़ का राशि भी आबंटन किया है।
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