पूर्णिया/राजेश कुमार झा। जिले का कृत्यानंद नगर अंचल जिसे के. नगर अंचल कहा जाता है, जहाँ बिना चढ़ावे के कोई भी काम नही होता है। आप चढ़ावा दिए तो गलत काम भी सही हो जाता है, वरना आप सही काम के लिये लगाते रहिये अंचल और बाबुओं का चक्कर।
आपके चक्कर लगाने से शायद इन बाबुओं दिल आपके ऊपर पसीज जाये तो समझो आप पर ईश्वर की बड़ी कृपा हो गई। ये मैं नहीं कहता ये के. नगर अंचल के ग्रामीण कहते हैं। बताते चलें कि जब से के. नगर में अंचलाधिकारी के रूप में अशोक कुमार की पदस्थापना हुई है, तबसे के. नगर अंचल में दलालों की चांदी हो गई है। आपको छोटे से छोटा काम भी है तो बिना चढ़ावे के सम्भव नहीं है।
लोग इसकी शिकायत लेकर अंचल अधिकारी से मिलते है तो वहां कोई भी सुनवाई नहीं होती है, क्योंकि दलालों ने अंचल अधिकारी के आंखों में चढ़ावे की पट्टी जो लगा रखी है। बताते चलें कि बिफोर प्रिन्ट मीकी टीम विगत कई दिनों से जिले के कई अंचल कार्यालयों में जाकर लोगों की समस्या सुन रही है। इसी क्रम में विगत कई दिनों से के. नगर अंचल से लोगों की शिकायतें मिल रही थी।
जब बिफोर प्रिन्ट मीडिया की टीम वहाँ पहुंच कर मामले की छानबीन की तो पता चला कि कई-कई महीनों से के. नगर के लोग अपने कामों के लिए अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन, अंचल कर्मी और अंचलाधिकारी के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। ग्रामीण अब इनके खिलाफ जिले के वरीय पदाधिकारियों के पास जाने का मन बना रही है।
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