Buxar : राहुल सांकृत्यायन (9 अप्रैल 1893 – 14 अप्रैल 1963) को भारतीय यात्रा वृत्तांत साहित्य का जनक कहा जाता है। उन्होंने बक्सर केंद्रीय कारा में स्वतंत्रता आंदोलन में जेल में रहे साहित्य सृजन जेल अवधि में भी किया था, छपरा जिले के एक गांव में रहकर जन सेवा किया था, यात्रा वृत्तांत को ‘साहित्य का रूप’ देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, भारत के सबसे व्यापक रूप से यात्रा करने वाले विद्वानों में से एक थे, जिन्होंने अपने जीवन के पैंतालीस वर्ष अपने घर से दूर यात्राओं पर बिताए।
अब बक्सर या छपरा के लेखकों पत्रकारों को चाहिए कि उनकी याद को संजो कर जनमानस से परिचित कराया जाय।
बक्सर की जेल अवधि 1940 42 के आसपास की थी और उनकी पुस्तक गंगा से बोल्गा के कई अंश बक्सर में ही लिखे गए थे।