स्थानीय पुलिस एव मोबाइल गस्ति दल ही शराब रोकने सफल
Nokha, Rohtas : जमीन विवाद निपटारा या अपराधियों की धरपकड़, बैंक की सुरक्षा देनी हो या विधि व्यवस्था, वीआईपी लोगों की एस्कॉर्ट, सुरक्षा या कई अन्य कार्य हो तो थाना की जिम्मेवारी दी गई है। थाने में जितनी पद सृजित है उतनी पुलिस बल थाने में उपलब्ध नही है। सृजित पद के बदले सारे पद खाली रहने के बाद भी सारी जबाब देही थानाध्यक्ष को ही देखनी पड़ती हैं। इन में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद पुलिस बल की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है। वही उत्पाद विभाग जो कि केवल शराबनन्दी कानून को लागू कराने अवैध शराब का निर्माण, बिक्री, एव शराब पीने वालों को रोकने के लिए ही रखा गया है। लेकिन उत्पाद विभाग पूरी तरह से विफल नजर आ रही है।
शहरी चुनाव को लेकर के उत्पाद विभाग की उदासीनता लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। सरकार ने अप्रैल 2016 से शराब बंदी लागू की है। इनमें बेचने वाले और पीने वाले दोनों को जेल भेजे जा रहे हैं। नए कानून में शराब पीने वालों को जुर्माना लगाकर छोड़ दी जा रही है। नई नियमावली की आड़ में उत्पाद विभाग शराब पीने को पकड़ कर कोरम पूरा कर रही है। शराबबंदी के बाद कानून को लागू कराने के लिए शराब को रोकने में केवल स्थानीय पुलिस थानाध्यक्ष, एलटीएफ ही लगी हुई है। जबकि शराबबंदी कानून लागू होने के बाद उत्पाद विभाग को काफी मजबूत बनाते हुए उत्पाद विभाग को हर संसाधन मुहैया सरकार ने करा दिया गया है।
बिहार के सबसे कड़क आईएएस के के पाठक को इसकी शराबबंदी रोकने की जिमेवारी दी गई ।लेकिन जमीनी हकीकत है कि शराबबंदी रोकने में उत्पाद विभाग पूरी तरीके से विफल है। जिला पुलिस कप्तान के निर्देश पर शराब के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे है। अभियान के कारण शराबबंदी कानून सख्ती से दिखाई दे रहा है। वहीं उत्पाद विभाग केवल कोरम पूरा कर रही है। उत्पाद विभाग को ड्रोन कैमरे देकर के शराब की निगरानी करने के लिए सरकार ने निर्देश दिया है। लेकिन उत्पाद विभाग केवल सड़कों पर घूमते हुए कुछ लोगों को पकड़कर के कोरम पूरा कर रही है। उत्पाद विभाग को यह भी पता नहीं है कहां शराब बन रही है। कहां कहा सप्लाई दी जा रही है।
कहां पर ज्यादा मात्रा में लोग पी रहे हैं। जो कि उत्पाद विभाग की नाकामी बता रही है।उत्पाद विभाग सूचना तंत्र का अभाव बता कर पल्ला झाड़ लेने से उसकी जबाब देही नही बनती है। उत्पाद विभाग की टीम सासाराम से बिक्रमगंज लगभग प्रतिदिन आती है ।जोकि सड़कों पर कुछ लोगों की जांच करके कोरम पूरा कर के निकल जाती है। यह केवल सड़क पर ही कोरम पूरा किया जाता है। उत्पाद विभाग के जूही कुमारी द्वारा सड़कों पर कुछ लोगों को जाच करने की फोटो खींचकर के कोरम पूरा कर शराबबंदी कानून का पालन कराने की बात कह रही है। जबकि सच्चाई है कि उत्पाद विभाग पूरी तरह से विफल है। जब शराब बनती नहीं तो बिकती कैसे।
स्थानीय पुलिस शराब बंदी के खिलाफ अभियान चलाकर के लगातार कारवाई कर रही है और लोगों गिरफ्तार कर रही है। नोखा में बाइक मोबाइल गश्ती दल द्वारा लोगों को शराबबंदी कानून लागू करा रही है। जिसके कारण पीने वाले भयभीत हैं कई लोग कहते हैं कि शराब ना पी अम मोबाइल गस्ति दल उत्पाद विभाग द्वारा पूरी तरीके से केवल कोरम पूरा करके ही राजा कर रही है और स्थानीय पुलिस पर ही शराब बंदी की जबाब देही जिला पुलिस कफ्तान देते है। वही जिलाधिकारी द्वारा उत्पाद विभाग पर कोई करवाई नही की जाती है।