समस्तीपुर, अशोक अश्क। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल और पिरामल स्वास्थ्य के संयुक्त प्रयास से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष इस आयोजन का थीम लेट्स फाइट एड्स: इक्वलिटी फॉर ऑल (समानता के लिए संघर्ष) रखा गया था, जिसका उद्देश्य समाज में एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसके खिलाफ भेदभाव को समाप्त करना है।
एएनएम स्कूल की छात्राओं द्वारा एड्स से बचाव और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए नारा लगाते हुए एक रैली से कार्यक्रम की शुरुआत हुई । यह रैली सदर अस्पताल से निकलकर कलेक्ट्रेट ऑफिस से होते हुए बस स्टैंड तक पहुंची । रैली का नेतृत्व सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. गिरीश कुमार कर रहे थे , इन्होंने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस मौके पर डॉ. गिरीश ने कहा कि एड्स से बचाव के लिए सबसे प्रभावी उपाय शिक्षा और जागरूकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी व्यक्ति जानकारी के अभाव में इस बीमारी का शिकार न हो। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और जानकारी को सभी तक समान रूप से पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. विशाल, डॉ. संतोष, पिरामल स्वास्थ्य के प्रतिनिधि श्रीयश गुप्ता और आकाश भी उपस्थित थे। इन सभी ने जनसाधारण को एड्स के कारणों, इससे बचाव के तरीकों और निःशुल्क परामर्श सेवाओं के बारे में जानकारी दी।
पिरामल स्वास्थ्य के प्रतिनिधि श्रीयश गुप्ता ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम समाज में एड्स के बारे में फैली गलत धारणाओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं । यह कार्यक्रम सिर्फ एक जागरूकता अभियान नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी था कि हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं और सही जानकारी का समान अधिकार है।
एड्स जैसी गंभीर बीमारी के बारे में सही जानकारी न होना, लोगों को इसके प्रति डर और भेदभाव का शिकार बना सकता है। इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि सभी को समान रूप से इलाज और परामर्श सेवाएं मिल सकें।
रैली के दौरान और कार्यक्रम के समापन पर यह स्पष्ट किया गया कि एड्स का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसका इलाज और प्रबंधन संभव है यदि इसे समय रहते पहचाना और इलाज किया जाए। साथ ही, एड्स के प्रति समाज में फैले भेदभाव को समाप्त करने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के दौरान पिरामल स्वास्थ्य के आकाश ने कहा कि समाज में एड्स को लेकर जो भ्रांतियां हैं, उन्हें दूर करने और लोगों को सही जानकारी देने के लिए इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम जरूरी हैं । इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि एड्स के प्रति जागरूकता केवल एक स्वास्थ्य मुद्दा नहीं, बल्कि एक सामाजिक और मानवाधिकार मुद्दा भी है, जिसे सभी को समान रूप से समझने और स्वीकार करने की आवश्यकता है।
इस कार्यक्रम के आयोजन से न केवल एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ी, बल्कि यह भी सुनिश्चित हुआ कि समाज के हर वर्ग को समान स्वास्थ्य सेवाओं और जानकारी का अधिकार मिल सके।