अशोक “अश्क” बिहार सरकार ने नगर निगमों को विस्तारित क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाने का अधिकार दे दिया है, जिससे इन इलाकों की सड़कों को रोशन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मन जा रहा है। पहले से किए गए सर्वे और रोक के बावजूद अब यह परियोजना गति पकड़ेगी। नगर निगम ने एक साल पहले इन क्षेत्रों का सर्वे कराया था, लेकिन विभाग द्वारा लगाई गई रोक के कारण यह योजना रुकी हुई थी।
अब रोक हटने के बाद इन विस्तारित क्षेत्रों में जल्द ही स्ट्रीट लाइट लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी। नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है और सभी नगर निकायों को इस बारे में पत्र भेजा है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगले 15 दिनों के अंदर इन नए वार्डों में स्ट्रीट लाइट लगाने का काम शुरू हो सकता है।
नए आदेश के तहत, नगर निगम को एक कमेटी गठित करने का निर्देश दिया गया है, जो स्ट्रीट लाइट लगाने की जरूरत का आकलन करेगी। इस कमेटी में उप नगर आयुक्त, नगर प्रबंधक, सहायक लोक स्वच्छता पदाधिकारी, अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी, ऊर्जा विभाग के अभियंता, कनीय अभियंता और संबंधित वार्ड के पार्षद शामिल होंगे।
कमेटी सर्वे के आधार पर यह तय करेगी कि कितनी स्ट्रीट लाइट लगाई जाएं और उनका रख-रखाव किस तरह से किया जाए। पुरानी स्ट्रीट लाइटों के रख-रखाव की जिम्मेदारी भी नगर निगम को सौंप दी गई है। इसके बाद, नगर निगम को एक विस्तृत योजना तैयार करनी होगी, जिसमें लागत का आकलन भी किया जाएगा। सभी वार्डों की अनुशंसा मिलने के बाद कमेटी लागत का अनुमान लगाएगी, और इसके बाद स्थायी समिति और निगम बोर्ड से प्रस्ताव पारित कराया जाएगा।
इसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी और चयनित एजेंसी ही स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य करेगी। नई गाइडलाइन के अनुसार, स्ट्रीट लाइटों को पहले से लगे बिजली के खंभों पर ही स्थापित किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत, एजेंसी को केवल 5 वर्षों तक इन लाइटों का रख-रखाव करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। यदि एजेंसी ने रख-रखाव में कोई चूक की तो उसकी सुरक्षा राशि जब्त कर ली जाएगी।
यह फैसला राज्य के नगर निगमों में स्ट्रीट लाइट लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पहले नगर विकास विभाग ने राज्य के विभिन्न नगर निकायों में नई स्ट्रीट लाइटों की स्थापना और उनके रख-रखाव पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश पर उस रोक को हटा दिया गया है।
इस आदेश के बाद नई गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें स्ट्रीट लाइटों के कार्यों की निगरानी और रख-रखाव के लिए नए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से उन क्षेत्रों में रात के समय सुरक्षा बढ़ेगी और स्थानीय निवासियों को बेहतर जीवन स्तर मिलेगा।