पुण्यतिथि विशेष: 50 वर्षों बाद भी नहीं सुलझी ललित नारायण मिश्रा के हत्या की गुत्थी

समस्तीपुर

अशोक “अश्क” ललित नारायण मिश्रा, स्वतंत्र भारत के पहले कैबिनेट मंत्री थे जिनकी हत्या को लेकर अब तक कई सवाल बने हुए हैं। 50 साल बीतने के बावजूद उनकी हत्या की सच्चाई का पर्दाफाश नहीं हो सका है। इस घटना ने बिहार ही नहीं, बल्कि समूचे देश को झकझोर कर रख दिया था। हालांकि, हत्या के बाद सीबीआई द्वारा जांच की गई, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई, लेकिन आज तक इस जघन्य घटना के दोषियों का पता नहीं चल सका है।

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मिश्र जी के निधन के बाद उनका योगदान और उनकी हत्या के कारण अब भी लोगों के मन में कई सवाल छोड़ गए हैं, जिनका जवाब आज भी खोजा जा रहा है। 2 जनवरी 1975 को ललित नारायण मिश्रा समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर बड़ी लाइन के उद्घाटन के लिए आए थे। इसी दौरान उन्हें एक ग्रेनेड हमले में गंभीर चोटें आईं।

उन्हें तत्काल दानापुर अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां 3 जनवरी 1975 को उन्होंने दम तोड़ दिया। इस हत्या के मामले में कई नाम उभरे, लेकिन एक भी स्पष्ट सबूत नहीं मिल सका, जिससे अपराधियों का पर्दाफाश हो सके। ललित नारायण मिश्रा का जन्म सुपौल जिले में हुआ था, लेकिन उनका राजनीतिक जीवन संपूर्ण मिथिला क्षेत्र में फैला हुआ था।

वे मिथिला के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहे और दरभंगा, मधुबनी जैसे क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा दिया। उनका सपना था कि मिथिला को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए और वे अपने सपनों को साकार करने में किसी भी प्रकार कोई कसर नहीं छोड़ते थे। उनके द्वारा शुरू की गई परियोजनाएं, जैसे कि पश्चिमी कोसी नहर परियोजना, आज भी अधूरी हीं पड़ी है।

ललित बाबू के कार्यों और उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों की आज भी मिथिला क्षेत्र में चर्चा होती है। उनके कार्यों से प्रभावित होकर मिथिला के लोग उनके योगदान को याद करते हैं। आज भी उनके सपनों को पूरा करने के लिए कई प्रयास हो रहे हैं।

हाल ही में जल संसाधन विभाग ने कमला नदी की बाढ़ से स्थायी सुरक्षा के लिए जयनगर में 405 करोड़ रुपये की लागत से बराज निर्माण का कार्य शुरू किया है। साथ ही, कमला के दोनों तटबंधों को ऊंचा और मजबूत करने के लिए 325 करोड़ रुपये की लागत से कार्य चल रहा है।

ललित बाबू के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता वे मिथिला के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे, उनके द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढ़ाना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।