समस्तीपुर, राजेश। संविदा विस्तार मामले में संलिप्त कर्मी को बचाने का मामला उजागर होने के बाद जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने इसे अपने संज्ञान में ले लिया। इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने जिले के सिविल सर्जन एसके चौधरी से इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग कर दी है। तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने का आदेश देते हुए जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन के वेतन पर भी अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
बताया गया है कि स्वास्थ्य विभाग में किए गए संविदा विस्तार को लेकर जिलाधिकारी को जो प्रतिवेदन दिया गया था वह काफी भ्रामक था। इससे यह साफ जाहिर होता है कि अद्धोहस्ताक्षरी को दिए गए प्रतिवेदन में गुमराह करने का एक सफल प्रयास किया गया।
सिविल सर्जन को दिए गए स्पष्टीकरण में यह भी उल्लेखित किया गया है कि किस परिस्थिति में गलत प्रतिवेदन जो गुमराह करने की नीयत से तैयार किया गया था डीएम को दिया गया। इसी मामले को लेकर डीएम द्वारा सिविल सर्जन से तीन दिनों के अंदर प्रतिवेदन मांगा गया है। इस बात की चर्चा स्वास्थ्य विभाग के अलावा पूरे प्रशासन में जोर-जोर से सुनी जा रही है।