अशोक “अश्क” बिहार में भूमि से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे लोगों के लिए राहत की खबर है। बिहार सरकार ने राजस्व विभाग के जरिए एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब जमीन का सर्वे कराने के लिए खाता खेसरा और वंशावली को अनिवार्य नहीं किया गया है। अगर किसी के पास भूमि का खतियान नहीं है, तो भी वह सिर्फ खेसरा नंबर के आधार पर अपना सर्वे करा सकता है।
इस मसाले पर पंकज ठाकुर ने एक प्रेस वार्ता में बातचीत में कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने अपनी जमीन खरीदी है और उसके पास खतियान या खाता नहीं है, तो वह जमीन की कॉपी, रसीद का फोटो कॉपी और एक स्वघोषणा पत्र के साथ अपना सर्वे करा सकता है। इससे उन लोगों को बहुत मदद मिलेगी, जिनके पास जमीन का रिकॉर्ड पूरी तरह से उपलब्ध नहीं है, लेकिन फिर भी वे अपनी संपत्ति के सर्वे के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इसके अलावा, जो लोग खानदानी जमीन के मालिक हैं, उन्हें खाता, खेसरा नंबर और वंशावली के दस्तावेज़ के साथ आवेदन करना होगा। पंकज ठाकुर ने यह भी बताया कि यदि किसी व्यक्ति के पास खाता नंबर उपलब्ध नहीं है और केवल खेसरा नंबर है, तो भी वह खेसरा नंबर के आधार पर सर्वे करवा सकता है। इसके लिए व्यक्ति को अपने खेसरा नंबर के साथ रसीद और स्वघोषणा पत्र भरकर देना होगा।
इस नए नियम से बिहार के किसानों और जमीन के मालिकों को बहुत लाभ मिलेगा, खासकर उन लोगों को जिनके पास भूमि का पूर्ण रिकॉर्ड नहीं है। राज्य सरकार का यह कदम भूमि से जुड़ी कानूनी समस्याओं को सुलझाने और जनता के लिए सरकारी सेवाओं को और अधिक सुगम बनाने की दिशा में अहम कदम साबित हो सकता है। इस फैसले से भूमि संबंधी विवादों में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।