लोग पूछ रहे हैं “एमपी साहिबा, क्या हुआ ‌तेरा वादा, जनता को मत भूलाना, बर्ना आगामी चुनाव में पड़ेगा पछताना”

समस्तीपुर

समस्तीपुर, कौशल। राजनीतिज्ञ परिवार में जन्म लेकर एक बहुत ही अच्छे संस्कारी और प्रतिष्ठित परिवार की बहु बनने का सौभाग्य प्राप्त कर समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से पहली बार में ही सांसद बनी शांभवी चौधरी अब लगाता जनता के सवालों के घेरे में आती जा रही है। इतना ही नहीं जिस विश्वास और उम्मीदों को देखते हुए एक राष्ट्रीय पार्टी के स्थानीय उम्मीदवार को वोट न देकर राजनीति में पहली बार पावं रखने वाले नए उम्मीदवार को भारी मतों से जिताया, शांभवी चौधरी लगता है उस पर खड़ी नहीं उतर रही है।

बताते चलें कि श्रीमती चौधरी जब समस्तीपुर क्षेत्र से एनडीए के बैनर तले लोजपा (रामविलास) के टिकट र समस्तीपुर से प्रत्याशी बनाई गई थी, तो यहां के लोगों के बीच एक उम्मीद की किरण जगी‌ की अब समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र का सर्वांगीण विकास निश्चित ही होगा। चुनाव के दौरान जनसंपर्क अभियान के क्रम में अपने वोटरों और जनता से प्राथमिकता के आधार पर जिन मुद्दों को पूरा करने का वादा किया वह सभी हवा- हवाई ही होता नजर आ रहा है।

यहां एक सबसे महत्वपूर्ण बात बता देना चाहता हूं की, शांभवी चौधरी के सामने राष्ट्रीय पार्टी के जो उम्मीदवार चुनावी मैदान में आमने-सामने की टक्कर दे रहा था वह भी जिले के जाने माने राजनीतिक घराने से आते हैं। लोगों ने अपने घर‌ के उम्मीदवार को वोट न देकर बाहरी उम्मीदवार समझते हुए भी शांभवी चौधरी को भारी मतों से विजयी बनाया।

लेकिन समस्तीपुर के जनता को अब कहने लगी है कि ” क्या हुआ तेरा वादा जो सभी को तूने भुलाया “। जना यह भी कर रही है कि डबल इंजन वाली इस सरकार में जब मूलभूत समस्याओं का निदान नहीं हो सकेगा तब कब होगा ? प्रत्येक चुनावी भाषण के दौरान उम्मीदवार के तौर पर क्षेत्र भ्रमण एवं चुनावी सभा के दौरान शांभवी चौधरी समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र की एक -एक समस्याओं को उंगली पर गिनाते हुए कहती थी, जनता की हर आवश्यक मांग को मैं अवश्य पूरा करूंगी।

अब जनता टकटकी की लगाए हुए देख रही है औ पूछ भी रही है कि पहली प्राथमिकता में समस्तीपुर शहर स्थित भोला टॉकीज के पास रेलवे गुमटी संख्या 53 और मुक्तापुर रेल गुमटी पर कब फ्लाई ओवर का निर्माण किया जाएगा ? समस्तीपुर रेल मंडल मुख्यालय होने के बावजूद भी यहां से क्यों नहीं एक भी दूरगामी गाड़ियां चलाई जाती है ? जिले की आबादी 45 करोड़ से अधिक होने के बाद भी वंदे भारत एक्सप्रेस समस्तीपुर से न चला कर
सहरसा से चलाने की घोषणा की गई है ?

एक भी उद्योग धंधे अब तक क्यों नहीं स्थापित किए गए ?
इस तरह के बहुत सारे जनता के माध्यम से जनप्रतिनिधियों से पूछे जाने वाले सवाल हैं जो बिफोर प्रिंट आपके समक्ष रखा करेगा। अब देखना है की डबल इंजन की इस सरकार में सक्षम इन जन प्रतिनिधियों के द्वारा जनता के ज्वलंत समस्याओं का कितना और कितने समय में निदान किया जाता है ?