टाटा बाय-बाय कहते हुए समस्तीपुर के निवर्तमान जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह अपनी एक अमिट छाप छोड़कर नौकरी के अगले पड़ाव पर चल दिए, बेहतरीन अधिकारी के रूप में आप सदा याद किए जाएंगे

समस्तीपुर

समस्तीपुर, कौशल। 14 नवंबर 1972 के दिन दरभंगा जिला से अलग होकर बूढी गंडक के किनारे स्थित समस्तीपुर को, जिला के रूप में अपनी एक पहचान मिली थी। राज सरकार द्वारा प्रथम जिलाधिकारी के रूप मे भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक तेज तर्रार ऑफिसर सरदार महेंद्र सिंह की पोस्टिंग की गई थी। तब से लेकर आज तक तीन दर्जन से अधिक अधिकारी समस्तीपुर जिले में डीएम के पद को सुशोभित कर चुके हैं।

कहा जाता है कि जब भी किसी डीएम और एसपी की पोस्टिंग जिले में की जाती है तो यहां के सभी विधायक एवं सांसदों का भी मंतव्य लिया जता है । ऐसा होता है या नहीं, यह दावा पूरे विश्वास के साथ तो नहीं किया सकता है; लेकिन आम लोगों के बीच ऐसी ही अवधारना बनी हई है। खैर जो हो ट्रांसफर पोस्टिंग सरकार की बात होती है।

इसी कड़ी में निवर्तमान डीएम योगेंद्र सिंह की पोस्टिंग 6 -1- 2022 को समस्तीपुर में की गई थी। श्री सिंह पदस्थापना काल से ही जिले के हर एक विकास एवं योजनाओं के क्रियान्वित कराने के प्रति पूरी तरह तत्पर पर दिखे। हालांकि आम जनता और यहां तक कि पत्रकारों से भी रूबरू होने से कतराते रहे।

लेकिन प्रत्येक दिन लगातार अधिकारियों के साथ तीन से चार बैठकें आयोजित कर चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा करना, इसकी सत्यापन के लिए भौतिक स्तर पर निरीक्षण करना, काम में लापरवाही बरतने वाले कर्मी एवं अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाने से भी बाज नहींआते थे। कहने का तात्पर्य यह कि काम में किसी भी तरह की लपरवाही का शब्द उनके डिक्शनरी में नहीं था।

सिर्फ काम की ही बात उन्हें पसंद आती थी। यह इनका एक अपना स्वभाव था जिसको लेकर वे एक सफल अधिकारी के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे। सरकारी महकमों के अलावा आम जनता में भी योगेंद्र सिंह एक कड़क डीएम के रूप में जाने जाते रहेंगे।