विद्यापतिनगर, राजेश। आजादी के 78वां स्वतंत्रता दिवस पर प्रखंड के आदर्श पंचायत हरपुर बोचहा में समारोह पूर्वक क्षत्रिय वंशावली पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर यादगार कवि सम्मेलन संपन्न हुआ। इसका उद्घाटन लब्ध प्रतिष्ठित कवि प्रो. गौतम त्रिवेदी ने दीप प्रज्जलित कर किया।
अध्यक्षता जदयू प्रदेश सचिव सह जिला बीस सूत्री सदस्य धीरेंद्र कुमार सिंह ने की। वहीं संचालन हास्य व्यंग्य के चर्चित कवि सीताराम शेरपुरी ने किया। पुस्तक का विमोचन करते हुए वयोवृद्ध साहित्यकार प्रो. भूपेंद्र नारायण सिंह भूप ने कहा कि क्षत्रियों ने सभी वर्णों और वर्गों की रक्षा का दायित्व लिया।
उन्होंने जहां-जहां अन्याय देखा, उसके प्रतिकार के लिए तत्पर रहे। क्षत्रिय अपने स्वाभिमान एवं लोक हित के लिए पूरे देश में जाने गए. उनकी पहचान आन बान शान की रही है। इस कड़ी में क्षत्रिय वंशावली पुस्तक मील का पत्थर साबित होगी।
वक्ताओं ने कहा कि क्षत्रिय अपने स्वाभिमान एवं लोकहित के लिए पूरे देश में जाने गए। भारत की अखंडता के लिए क्षत्रिय पुरुषों एवं स्त्रियों ने अपना सर काटने में अपनी प्रतिष्ठा समझी वर्तमान परिवेश में भारत और भारतीयता की रक्षा के लिए क्षत्रिय समाज को सार्थक कदम उठाने की आवश्यकता है।
क्षत्रियों के दान- प्रतिदान को इतिहास ने भले पूरी गंभीरता के साथ नहीं लिखा लेकिन क्षत्रियों का प्रतिदान देश में सदैव याद किया जाता रहेगा। उद्घाटन भाषण के दौरान प्रो.गौतम त्रिवेदी ने लेखक स्व. सियाशरण सिंह द्वारा रामचरितमानस की चौपाई के तर्ज पर लिखित क्षत्रिय वंशावली पुस्तक पर प्रकाश देते हुए कहा कि यह पुस्तक नई पीढ़ी के लिए सौगात है।
पुस्तक का प्रकाशन लेखक स्व. शियाशरण सिंह के प्रपौत्र मुखिया प्रेमशंकर सिंह की ओर से किया गया। संपादन प्रो.भूपेंद्र नारायण सिंह भूप ने किया। पुस्तक के विमोचन पश्चात मौजूद कवियों ने अपने तरकश में बाणों को भरकर कवि सम्मेलन में कूद पड़े। इससे कवि सम्मेलन यादगार लम्हों में पिरोता रहा।
कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचना के माध्यम से श्रोताओं को देश भक्ति का जज्बा भरा। वरीय कवि प्रो. सत्यसंध भारद्वाज ने जो सवा लाख से एक लड़ें हम ही वो हिन्दुस्तानी हैं, युवा दिलों की धड़कन कवि मिंटू कुमार झा ने तुम हो गये अमर शहीद होकर, हम लूट गये प्रियतम तुम्हें खोकर,राम श्रृंगार सिंह ने अगर हम नहीं देश के काम आए, तो धरा क्या कहेगा,गगन क्या कहेगा,कवि श्रीराम राय ने हे तिरंगा तुझको मेरा बारंबार प्रणाम हो सुनाकर श्रोताओं को देशभक्ति का संदेश दिया।
कवि सीताराम शेरपुरी ने अपनी रचना देखहों देखहों कक्का हो जे जेत्ते पार्टी बदललक वहे नेता पक्का हो, के माध्यम से व्यंगवाण के तीर चलाया।।कार्यक्रम को प्रखंड प्रमुख कृष्णा देवी, समाजसेवी भाई रंधीर, क्षत्रिय चेतना मंच के सचिव चंद्रशेखर सिंह, सुरेश्वर प्रसाद सिंह,अरुण कुमार सिंह, रामबाबू सिंह, दिलीप सिंह, कैलाश पासवान, प्रो. संजीव कुमार सिंह,रामबहादुर सिंह,विजय कुमार सिंह आदि ने सम्बोधित किया।