समस्तीपुर, राजेश। काफी लंबे अरसे से शहर के आम जनता कि यह मांग चली आ रही थी की भोला टॉकीज के रेल गुमटी संख्या 153 पर जनहित के दृष्टिकोण से फ्लाई का निर्माण करायी जाए। शहर में लगने वाली जाम एवं लगातार गुमटी बंद रहने से आम लोगों की होने वाली परेशानी से हर आदमी परेशान था। इस फ्लाईओवर मांग को ले कितनी बार सामाजिक संगठनों के अलावा राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी लगातार धरना प्रदर्शन कर निर्माण कराने की मांग करते रहे।
स्थानीय जिला प्रशासन एवं रेल प्रशासन के साथ-साथ पटना और दिल्ली में बैठे जनप्रतिनिधियों का दरवाजा भी खटखटाते रहे। लेकिन स्थिति ज्यों की त्वों बनी रही। हां इतना अवश्य देखा गया की उक्त जन प्रतिनिधियों पर जब ज्यादा दबाव पड़ने लगता था तो पटना और दिल्ली के जनप्रतिनिधि कभी-कभी अपने सदनों में इस मामले को उठाकर लोगों के गुस्सा को शांत कर दिया करते थे।
इतनाही नहीं मीडिया कर्मी भी लगातार भोला टॉकीज रेल गुमटी का मामला उठाने में पीछे नहीं दिखे। रेल प्रशासन यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेता था की जमीन अधिग्रहण करना राज सरकार का काम है। राज्य सरकार मे भी समस्तीपुर कोटे से बनाए गए मंत्रियों द्वारा भी सिर्फ आश्वासन दिया जाता रहा।
यह संवाददाता पिछले वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समस्तीपुर आगमन पर इस मुद्दे को सीधा सवाल के रूप में उनके समक्ष रखा। मुख्यमंत्री का जवाब था “मेरे संज्ञानमें यह मामला आया है निश्चित ही इस पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाएगा”।
इसी बीच लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई और उम्मीदवार मतदाताओं के नब्ज को टटोलने में लग गए। दलीय आधार पर खड़े एनडीए और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार जहां भी जाते थे सभी जगह यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाने लगा। हां इतना जरूर एनडीए उम्मीदवार के द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि मेरी पहली प्राथमिकता में शामिल है ‘भोला टॉकीज रेल गुमटी एवं मुक्तापुर रेल गुमटी पर फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य की सरकारी स्तर पर मंजूरी करा देना’
और सही में हुआ भी वही जो एनडीए की उम्मीदवार ने जनता को आश्वासन दिया था। चुनाव परिणाम आने के कुछ दिन बाद ही राज सरकार ने समस्तीपुर एवं मुक्तापुर में प्रस्तावित रेल गुमटियों के लिए राशि भी आवंटित कर दी।
अब स्थिति यह है कि पक्ष और विपक्ष के नेताओं द्वारा जनता की इस लंबित मांग को किसने पूरा किया, इसका श्रेय लेने के लिए होड़ लग गई है। कल यानी रविवार को बिहार सरकार में कद्दावर नेता एवं पथ निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अभी विपक्ष में बैठे लोग भी तो सरकार चलाने का काम कर रहे थे।
क्यों नहीं उस समय के राज सरकार से मोहर लगवाने का काम किया ? खैर जो भी पक्ष और विपक्ष मे क्रेडिट लेने की होड़ सड़क से संसद तक राजनेताओं के बीच आपस में चलती ही रहती हैं। यह सेहरा जिसके भी माथे पर जाए लेकिन फ्लाई ओवर की मंजूरी मिल जाने से जनता काफी खुश है।