श्रद्धालुओं से भरी ट्रेनें, सीटों के नीचे बैठकर पहुंचे संगम

समस्तीपुर

समस्तीपुर, अशोक “अश्क” मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में स्नान करने की आस्था इस कदर हावी रही कि श्रद्धालुओं ने ट्रेन की हर बोगी को पूरी तरह भर दिया। रेलवे पुलिस की रोकटोक के बावजूद लोग स्लीपर और एसी कोच तक में घुस गए और सीटों के नीचे बैठकर सफर किया। बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन से सामने आई तस्वीरें इस भक्ति और भीड़ की अनोखी कहानी बयां कर रही है।

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जयनगर से दिल्ली जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए श्रद्धालु आपस में धक्का-मुक्की करते नजर आए। ट्रेन में बैठने की जगह कम थी, लेकिन आस्था के आगे हर कठिनाई छोटी पड़ गई। जब तक ट्रेन रवाना नहीं हुई, तब तक श्रद्धालुओं ने किसी तरह उसमें जगह बना ही ली।

मौनी अमावस्या पर संगम स्नान का सपना लिए हजारों श्रद्धालु समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। जब स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस जयनगर से चलकर दरभंगा होते हुए समस्तीपुर पहुंची, तो उसके जनरल कोच पहले से ही पूरी तरह भर चुके थे। ऐसे में श्रद्धालु मजबूरन स्लीपर और एसी कोच की ओर बढ़ने लगे।

पहले से यात्रा कर रहे यात्रियों ने कोच के गेट बंद करने की कोशिश की, लेकिन आस्था के आगे ये प्रयास नाकाम साबित हुए। भारी संख्या में श्रद्धालु किसी तरह कोच में घुस गए। कई लोग ट्रेन की सीटों के नीचे बैठने को मजबूर हुए, तो कुछ गेट पर लटककर सफर करते नजर आए।

रेलवे पुलिस और ट्रेन स्टाफ ने यात्रियों को स्लीपर और एसी कोच में चढ़ने से रोकने की कोशिश की, लेकिन श्रद्धालु किसी भी तरह प्रयागराज पहुंचने को आतुर थे। ट्रेन खुलने से पहले तक हालात ऐसे थे कि किसी हादसे की आशंका बनी हुई थी। जब ट्रेन रवाना हुई, तो कई यात्री दरवाजों पर लटककर यात्रा कर रहे थे।

रेलवे पुलिस और अधिकारी कुछ नहीं कर सके। इस भीड़ के कारण ट्रेन में रिजर्वेशन कराए यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई यात्री अपनी बुक की हुई सीटों तक नहीं पहुंच सके, जबकि कुछ लोग यात्रा से ही वंचित रह गए। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ उमड़ रही है।

अब तक 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम पहुंच चुके हैं, जबकि मौनी अमावस्या पर सुबह 9 बजे तक 3.61 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। रेलवे प्रशासन लगातार भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से कहीं अधिक है।

अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी ट्रेनें इसी तरह भरकर चलने की संभावना है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अतिरिक्त ट्रेनों और अन्य वैकल्पिक साधनों का उपयोग करें। ट्रेन में यात्रा कर रहे कई श्रद्धालुओं ने कहा कि महाकुंभ जीवन में एक बार आता है। मौनी अमावस्या पर संगम स्नान का अवसर छोड़ना संभव नहीं है।

किसी भी तरह हमें प्रयागराज पहुंचना था, इसलिए जो भी जगह मिली, हमने ले ली। इस अव्यवस्था के बावजूद श्रद्धालुओं का जोश और आस्था देखने लायक थी। रेलवे प्रशासन के लिए यह भीड़ एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, लेकिन श्रद्धालु हर हाल में स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचने को तैयार हैं।