सीएम नीतीश कुमार से सम्राट चौधरी ने किया सवाल, बोले – क्या सीएम राजद प्रत्याशी शराब कारोबारी के लिए करेंगे प्रचार?

ट्रेंडिंग बिहार

Patna, Beforeprint : बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय के जन कल्याण संवाद में लोगों की समस्या को सुनने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि गोपालगंज उपचुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशी मोहन गुप्ता शराब के कारोबारी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल करते हुए कहा कि कया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक शराब कारोबारी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए गोपालगंज जाएंगे?

पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में उन्होंने संवादताओं से चर्चा करते हुए कहा कि मोहन गुप्ता जिस कंपनी के डायरेक्टर हैं वह कंपनी शराब का कारोबार करती है। मोहन गुप्ता के ऊपर शराब के मामले में झारखंड के एक थाने में प्राथमिकी दर्ज है। शराब की पेटियां सप्लाइ करने के मामले में उक्त कंपनी के मैनेजर और डायरेक्टर मोहन गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश से पूछा है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद क्या वे शराब का कारोबार करने वाले राजद के उम्मीदवार मोहन गुप्ता के पक्ष में चुनाव प्रचार करने जाएंगे या नहीं।

भाजपा नेता ने स्पष्ट लहजे में कहा कि नीतीश कुमार ने महात्मा गांधी और जेपी के सभी सिद्धांतों को भूल चुके हैं। नीतीश कुमार ने बिहार में जो शराबबंदी का कानून बनाया क्या वे इस सिद्धांत को लागू रखेंगे या नहीं रखेंगे। नीतीश कुमार को पलटी मारने का आदत है, इसलिए उनको पलटू कुमार के नाम से पुकारते हैें।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कब पलट जाएं इसकी कोई गारंटी नहीं है। नीतीश कुमार स्पष्ट बताएं कि वे एक शराब बेंचने वाले के पक्ष में प्रचार करेंगे या नहीं करेंगे। पुलिस महानिदेश के फर्जी कॉल के मामले में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कह कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डीजीपी को क्लिीन चिट दे रहे हैे। चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तरस आता है। ऐसा- ऐसा मुख्यमंत्री होगा तो बिहार का क्या हाल होगा।

उन्होनंे कहा कि डीजीपी के द्वारा अपराध कराने का काम किया गया और डीजीपी अपने अपराध से बच नहीं सकते हैं। नीतीश कुमार अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा कि नीतीश कुमार जी आप भी बुजुर्ग हो गए हैं आप भी दोषी बाय जएंगे तो नहीं बचेंगें। उन्होंने डीजीपी फर्जी कॉल प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग की।