सासाराम /अरविंद कुमार सिंह। रोहतास जिले के कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज में वरीय वैज्ञानिक और प्रधान डॉक्टर शोभा रानी की अध्यक्षता में कृषि क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण और जल संरक्षण विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जो मुख्य रूप से जिला के किसानों और अन्य संबंधित हित धारकों के लिए लाभदायक है यह कार्यशाला ब्रेडा पटना बिहार के द्वारा प्रायोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में बिक्रमगंज प्रखंड की राजस्व पदाधिकारी श्रीमती पल्लवी, ब्रेडा पटना के पदाधिकारी श्री प्रभाकर कुमार झा एवं केंद्र की प्रधान डॉक्टर शोभा रानी के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन के साथ शुरू किया किया गया कार्यक्रम के आरंभ में किसानों को संबंधित करते हुए शोभा रानी ने बताया की ऊर्जा के परंपरागत स्रोत जैसे कोयला, पेट्रोलियम एवं अन्य सीमित मात्रा में पृथ्वी पर उपलब्ध है।
अतः यह आवश्यक है की ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत जैसे सूरज से प्राप्त होने वाली ऊर्जा ,पवन ऊर्जा, एवं जल से प्राप्त ऊर्जा के स्रोतों का उपयोग किया जाए एवं विशेष कर कृषि में किस प्रकार से ऊर्जा संरक्षण किया जाए ताकि हमें स्थाई रूप से कृषि कार्य में सुविधा हो जैसे सोलर ऊर्जा का प्रयोग कर खेतों में पंपिंग सेट चलाना ट्रैक्टर का सुचारू रूप से सही ढंग से प्रचालन एवं घरों में बिजली का ऊर्जा प्रबंधन कैसे करें इन सब तथ्यों पर प्रकाश डाला।
साथ ही खेतों में जल प्रबंधन के तरीकों को बताया की किस प्रकार विभिन्न तकनीक जैसे ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई मल्चिंग, घर के छत पर वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली, खेतों में छोटे तालाब इत्यादि बनवाकर किसान भाई कृषि कार्य में जल संरक्षण कर सकते हैं एवं कम पानी में ही सिंचाई करके अच्छी खेती कर सकते हैं वर्तमान समय में खेत का पानी खेत में एवं गांव का पानी गांव में के आधार पर खेतों में मेड बंदी कराकर जल प्रबंधन कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम में उपस्थित श्रीमती पल्लवी ने यह बताया की आज पानी के महत्व को देखते हुए सभी किसान भाई को ध्यान देने की आवश्यकता है की पानी को बर्बाद होने से बचाए एवं ऊर्जा संरक्षण के तरीकों को अपनाकर कृषि कार्य में कम खर्चे में अधिक उत्पादन करें इस कार्यक्रम में ब्रेडा, पटना से आए हुए श्री पी के झा ने बताया की ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के द्वारा ऊर्जा संरक्षण नियम 2001 बनाया गया।
जिसके तहत ऊर्जा ग्रहण उद्योगों के लिए मानदंड मानक और लेवलिंग ऊर्जा संरक्षण, बिल्डिंग कोड डिमांड, साइड मैनेजमेंट इत्यादि निर्धारित किए गए जिसका मुख्य उद्देश्य ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए नवीन तकनीक से बने उपकरण की जानकारी सोलर फोटोवोल्टेइ प्रणाली का उपयोग, सोलर सिस्टम के प्रकार, स्मार्ट पैनल, सौर पंपिंग सेट के प्रकार, घरेलू उपकरण के उपयोग में ऊर्जा की बचत, ट्रैक्टर के प्रचलन में ऊर्जा की बचत, डीजल पंपों में ऊर्जा की बचत के उपाय, नया पंप खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें,
ट्रैक्टर संबंधित डीजल की खपत कम करने के सुझाव, ट्रैक्टर के नियमित जांच, इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर एवं फसल अवशेष प्रबंधन इत्यादि विषयों पर विस्तार से जानकारी दी उन्होंने कृषि संबंधी ऊर्जा संरक्षण के लिए ब्रेडा पटना द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं के संबंध में उपस्थित किसानों एवं महिलाओं को बताया कार्यक्रम में उपस्थित वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार ने भी प्रशिक्षणर्थियों को हाइड्रोपोनिक्स,
एयरोपोनिक्स सॉइल्सलेस कल्चर एवं भूमि का समतलीकरण कर पानी का समुचित उपयोग हो और फसल की उत्पादन क्षमता भी बढ़े इस विषय पर विस्तार पूर्वक किसानों को बताने का काम किया लिखिए वह तो है मेरे पास इस अवसर भिखारी राय ,लाल बाबू सिंह, चंद्रमणि सिंह, गौतम प्रसाद, अंजू देवी, जवाहरलाल शर्मा, रामनरेश पांडे, सतीश सिंह, पुष्पा देवी सहित लगभग 80 किसानों ने भाग लिया।