Sasarm /Arvind kumar : रोहतास जिले के जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे। साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में बिहार के नेता प्रतिपक्ष सह बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी मौजूद रहें। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके पूर्व विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गोपाल नारायण सिंह ने अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ, शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर के किया। विश्वविद्यालय स्थित देवमंगल सभागार में यूनिवर्सिटी के अलग-अलग संकाय में सफल हुए छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई।
इस दीक्षांत समारोह में 29 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। वहीं विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न संकायों के 729 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में एमबीबीएस के नेहा प्रिया और सिमरन सुमन, जनरल सर्जरी से प्रभा चौधरी, गायनी से आरसी प्रवीण, ईएनटी से शशांक सौरभ, एमजेएमसी से सुमेश्वर कुमार, बीकॉम से तान्या राज, बी फार्मा से श्वेता कुमारी, सहित दर्जनों लोग शामिल है।
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों का अहम योगदान है। इस योग्यता तक पहुंचाने में जो शिक्षक का योगदान रहा है उसको भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का सिर्फ गुण देखो अवगुण नहीं। रक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षांत समारोह नहीं है, दीक्षांत है। दीक्षांत से संस्कार का बोध होता है। पढ़ने वाले सभी है लेकिन अपने पढ़ाई का सही उपयोग ही शिक्षा का संस्कार है। वही रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत लगातार आगे बढ़ रहा है, अर्थव्यवस्था में लगातार वृद्धि हो रही है।
2027 तक भारत इकोनॉमी में प्रथम स्थान पर होगा। हम लोग इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी तेजी से काम कर रहे है, जिसमें नौजवानों का मुख्य योगदान है। उन्होंने कहा कि नौजवानों द्वारा आजकल स्टार्टअप पर काम कर रहे है। नौ- दस वर्ष पहले भारत में जहां 400 से 500 स्टार्टअप हुआ करता था। आज के समय में देश में लगभग 95 हजार से अधिक स्टार्टअप हो गए है। नए नए टेक्नोलॉजी पर काम करने से भारत काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। श्री सिंह ने कहा कि इस समय भारत अमृत काल से गुजर रहा है। हमलोग 2047 तक भारत को विकाशील देश से विकसित देश बना कर खड़ा कर देंगे।