Sasarm Beforprint : जिला पदाधिकारी, रोहतास के द्वारा व्यवहार न्यायालय रोहतास के लोक अभियोजक अपर लोक अभियोजक एवं अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारियों के साथ बैठक की गयी, जिसमें व्यवहार न्यायालय में चल रहे स्पीडी ट्रायल वादों / वर्तमान एवं भूतपूर्व संसद सदस्य एवं विधान मंडल सदस्य के विरुद्ध सामान्य नादाँ के अन्तर्गत चल रहे लंबित एवं निष्पादन वादों की समीक्षा की गयी। समीक्षोपरान्त निम्नांकित निदेश दिया गया-


1 समीक्षा के कम में पाया गया कि लोक अभियोजक एवं सभी अपर लोक अभियोजकों के द्वारा सरकारी वादों में सरकार के तरफ से सरकार का पक्ष ससमय एवं पूरे मजबूती से नहीं रखा जाता है, जैसे पुलिस मामलों में पुलिस का पक्ष मजबूती से नहीं रखने के कारण बहुत से मामलों में पुलिस अधीक्षक को न्यायालय में उपस्थित होना पडता है। अतएव निदेश दिया जाता है कि आप सभी सरकारी मामलों में सरकार पक्ष काफी गजबूती एवं समय पर रखना सुनिश्चित करें।
- निदेश दिया गया कि जिन मामलों में सरकारी गवाहों की उपस्थिति का संबंध है, तो इस संबंध में उनके संबंधित नियंत्री पदाधिकारी यथा चिकित्सकों की उपस्थिति के लिये सिविल सर्जन रोहतास को तथा संबंधित थानाध्यक्ष एवं पुलिस पदाधिकारियों की उपस्थिति के लिये उनके नियंत्री पदाधिकारी पुलिस अधीक्षक रोहतास को सीधे लिखना सुनिश्चित किया जाय।
- लोक अभियोजक एवं अपर लोक अभियोजकों को निदेश दिया गया कि यदि किसी सरकारी वादों में सरकार के विरुद्ध न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया जाता है तो उसकी समीक्षा कर उन सभी मामलों में अगले सक्षम न्यायालय में ससमय अपील दायर करना सुनिश्चित करें, ताकि किसी भी मामलें सरकार की छवि धूमिल / हार नहीं होने पाये।
- बहुत से मामलों में ऐसा देखा जा रहा है कि लोक अभियोजक एवं अपर लोक अभियोजकों के द्वारा सरकारी वादों में ससमय एवं मजबूती से पैरवी / उपस्थिति नहीं होने के चलते न्यायालय द्वारा आर्थिक दण्ड के रूप में फाइन लगा दिया जाता है। अतएव भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाय कि सरकार से संबंधित वादों में अभिरुची नहीं लेने, ससमय उपस्थित नहीं होने आदि के कारण आर्थिक दण्ड को नहीं पड़े।
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