सासाराम/अरविंद कुमार सिंह। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 94 वाँ स्थापना दिवस के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र, रोहतास में आभासी माध्यम से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला एवं कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को उपस्थित किसानों ने सुना।
स्थापना दिवस के अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक ने बताया कि विगत कई वर्षों से यह संस्था अपने 191 अनुसंधान केंद्रों एवं 731 कृषि विज्ञान केंद्रों के द्वारा पूरे भारत में कृषि के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है। उन्होंने हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, मशरूम उत्पादन, मत्स्य पालन, मवेशी पालन, कृषि अभियंत्रण, उद्यानिकी फसलों इत्यादि में उन्नत तकनीकी प्रदान करने वाले संस्थाओं का जिक्र किया और कृषकों को इसके महत्व के बारे मे बताया। पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री ने सभी वैज्ञानिकों को प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों को अवगत कराने की बात कही।
उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरे जोर-शोर से व्यापक पैमाने पर प्रचारित करने का निर्देश दिया । अनुसंधान के माध्यम से प्रमाणित करने का अनुरोध किया। कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने सभी संस्थाओं से आग्रह किया कि वे अपने आसपास के नव युवकों एवं किसानों को कृषि में नए-नए स्टार्टअप एवं प्रयोग को आगे ले जाने का निर्देश दिया अपने संबोधन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पूरे भारतवर्ष के किसानों की आय में दुगनी वृद्धि विगत सात-आठ वर्षों में हुई है।
इस मौके पर कृषकों की सफलता पर पूरे भारतवर्ष के किसानों हेतु एक किताब का विमोचन किया गया। मौके पर उपस्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ रविंद्र कुमार जलज ने किसानों को प्राकृतिक खेती से होने वाले लाभ एवं रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान की विस्तृत रूप से चर्चा की। इस कार्यक्रम में उपस्थित डॉ रामाकांत सिंह, मृदा वैज्ञानिक ने प्राकृतिक खेती का प्रायोगिक तौर पर सभी किसानों को धनगाई फार्म ले जा कर दिखाया। कार्यक्रम में 89 कृषको ने भाग लिया। कई किसान इस कार्यक्रम में आभासी माध्यम से भी जुडे। किसानों में अर्जुन सिंह, मसौना, राम कुमार राय, खरोच, प्रियदर्शनी कुमारी, सूरजपुरा, अरविंद पांडे, परसा, प्रवीण कुमार, कुड़वा, मुन्ना कुमार, मतूली, शशि रंजन राय, सुरहुरिया इत्यादि उपस्थित थे।
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