सासाराम/अरविंद कुमार सिंह : वैसे तो जिले में लॉटरी का धंधा बेधड़क चल रहा है जिला पुलिस कप्तान भी उदासीन है और अन्य थाना की पुलिस भी उदासीन है लॉटरी खिलाफ अभियान भी पुलिस कभी नहीं चलाई जिस तरीके से शराब के खिलाफ अभियान चलाई गई उसी तरह का लॉटरी खिलाफ एक बार अभियान चलती तो लॉटरी बेचने वाले जो लॉटरी का नकली टिकट ही बैठते हैं कभी भी खुलेआम लॉटरी नहीं भेजते जिले में नोखा में सबसे ज्यादा बिक्री हो रही है। नकली टिकट काम भी चल रहा है। लॉटरी के टिकट में अवैध धंधे के आस में डुप्लीकेट टिकट भी काफी गोरखधधा खूब चल रहा है। आसाम, बंगाल, नागालैंड के असली टिकट को नकली टिकट बेचने का भी खेल चल रहा है।
इन नकली टिकट दूसरे जिले में छुप कर आते हैं। कारोबारी की आसानी से लॉटरी टिकट बेचने में कम फायदा होता है वह नकली टिकट बेचने से ज्यादा फायदा होते हैं ।एक व्यक्ति अक्सर आरा से लॉटरी टिकट लेकर नोखा पहुंचते हैं रहे हैं। पुलिस को जा चिंता से अवैध लॉटरी कारोबारियों की चांदी है बस स्टैंड पर पटेल स्मारक के पास लॉटरी बेचने वाले खुलेआम एक एसआई का नाम लेकर कहता है कि मैं उनको पैसा देता हूं यह आरा सासाराम मुख्य पथ पर खुलेआम जब कारोबार चलता है और पुलिस मूकदर्शक बंद देखती है इसलिए उनकी बात पर बल भी मिलता है
सरकार ने लॉटरी पर प्रतिबंध लगा रखा है।इसे रोकने की जिम्मेदारी स्थानीय अधिकारियों की है । लेकिन नोखा में लॉटरी का हब बन गया है । यहां पर कि बाहर से आकर के लोग लॉटरी खिलाते हैं ।लॉटरी का टिकट बेचकर कारोबारी मालामाल हो रहे हैं। जबकि से खेलने वाले लोग अपना सब कुछ गवा रहे हैं। रोहतास जिले के नोखा में लॉटरी कारोबारी अपना पेट बना चुके हैं वैसे तो यह पूरे जिले में कारोबार ज्यादा फैला हुआ है। इस अवैध धंधे को नोखा में ज्यादा लोग चमका रहे हैं ।इसी का नतीजा है कि नगर परिषद क्षेत्र में और ग्रामीण क्षेत्रों के गली मोहल्ले में लॉटरी का टिकट कारोबारी घूम घूम कर के लॉटरी टिकट बेचने नजर आते हैं।
इस धंधे से जुड़े कारोबारी खुद तो करोड़पति बन चुके हैं लेकिन लॉटरी खरीदने वाले लोगो की मेहनत की कमाई कारोबारी ले जा रहे है। रिक्शा चालक, फुटपाथी दुकानदारों इस जाल में फंस रहे हैं। टिकट के कारोबार का बस स्टैंड एव पछिम पर्टी बाजार बना हुआ है । अब तक लॉटरी के कारोबारियों पर पुलिस करवाई नही करती है। कभी कभी पुलिस जाच करती है तो सभी को छोड़ दिए जता है। नोखा बस स्टैंड पर पुलिस कार्रवाई करने गए तो कही से फोन आया और पुलिस छोड़ दी। अवैध लॉटरी के खिलाफ पुलिस के ढुलमुल नीति के कारण आम लोग परेशान हैं। और इसी का नतीजा है कि जुड़े लॉटरी कारोबारी जिले में पैर पसार चुके हैं।
लाखो का कारोबार होता है। लॉटरी पर सरकार ने पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा रखा है इसके बावजूद या धंधा किस कदर चमक रहा है इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि इस कारोबार में जो लगे है वे लखपति होते हैं। लॉटरी का टिकट देश के आसाम ,बंगाल, नागालैंड से नोखा बाजार पहुंचात है। इन राज्यों में लॉटरी का टिकट अवैध रूप से पश्चिम बंगाल और कई जगहों पर है जोकि निजी वाहन के माध्यम से सीधे नोखा बाजार में टिकट लेकर पहुंचाते हैं और टिकट पहुंचाने का काम करने के साथ ही बैंक माध्यम से पश्चिम बंगाल में बैठे तो लॉटरी के कारोबारी के पास टिकट के रुपए भेजने का काम करते हैं। नकली टिकट काम भी चल रहा है। लॉटरी के टिकट में अवैध धंधे के आस में डुप्लीकेट टिकट भी काफी गोरखधधा खूब चल रहा है।
आसाम, बंगाल, नागालैंड के असली टिकट को नकली टिकट बेचने का भी खेल चल रहा है। इन नकली टिकट दूसरे जिले में छुप कर आते हैं। कारोबारी की आसानी से लॉटरी टिकट बेचने में कम फायदा होता है वह नकली टिकट बेचने से ज्यादा फायदा होते हैं ।एक व्यक्ति अक्सर आरा से लॉटरी टिकट लेकर नोखा पहुंचते हैं रहे हैं। पुलिस को जा चिंता से अवैध लॉटरी कारोबारियों की चांदी है बस स्टैंड पर पटेल स्मारक के पास लॉटरी बेचने वाले खुलेआम एक एसआई का नाम लेकर कहता है कि मैं उनको पैसा देता हूं यह आरा सासाराम मुख्य पथ पर खुलेआम जब कारोबार चलता है और पुलिस मूकदर्शक बंद देखती है इसलिए उनकी बात पर बल भी मिलता है