जिले के किसान अपनी समस्याओं को कृषि महाविद्यालय, डुमरांव एवं कृषि विज्ञान केंद्र, रोहतास के वैज्ञानिकों के समक्ष रखकर समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
सासाराम अविन्द कुमार सिंह। कृषि विज्ञान केंद्र, रोहतास द्वारा जिले में पहली बार आज बिहार उद्योग संघ के समन्वय से कृषि संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान हिंदी दिवस भी कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा मनाया गया। इस कार्यक्रम में जिले के प्रगतिशील कृषक, किसान उत्पादक समूह, कृषि उद्यमी, एग्री स्टार्टअप इत्यादि सहित 50 कृषकों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त रूप से प्राचार्य, वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय, डुमरांव, डॉ मुकेश कुमार सिन्हा, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान केविके डॉ शोभा रानी एवं श्री अभिषेक कुमार, सेक्रेटरी जनरल, अध्यक्ष, एंटरप्रेन्योरशिप एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक श्री आर जलज, डॉ रमाकांत सिंह, सिंचाई अनुसंधान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ विनोद कुमार एवं बिहार उद्यमी संघ राजा कलाम, राजेश कुमार उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य, डॉ मुकेश सिन्हा ने किसानों को उद्यमी बनने हेतु प्रेरित किया एवं कहां की इस जिले के किसान अपनी समस्याओं को कृषि महाविद्यालय,
डुमरांव एवं कृषि विज्ञान केंद्र, रोहतास के वैज्ञानिकों के समक्ष रखकर समाधान प्राप्त कर सकते हैं। वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, डॉ शोभा रानी ने अपने संबोधन के दौरान कहा की सभी महिला एवं पुरुष उद्यमी को कृषि विज्ञान केंद्र हर संभव मदद मुहैया कराने का प्रयास कर रही है।
इसी कड़ी में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया और आगे भी बैंक से जोड़ने का कार्य कृषि विज्ञान केंद्र करेगी। इस कार्यक्रम के तहत मूल्य संवर्धित उत्पादों के विपणन, कृषि क्षेत्र में उपलब्ध योजनाएं, क्रेडिट और मार्केटिंग लिंकेज के बारे में विस्तार से बतायी। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया की जल्द ही कृषि विज्ञान केंद्र में जिला उद्योग केंद्र के कर्मी एवं बैंक के पदाधिकारियों का संयुक्त रूप से किसानों हेतु कार्यक्रम का आयोजन करेंगे।
बिहार उद्यमी संघ के श्री अभिषेक कुमार ने कृषकों को एक सफल उद्यमी बनने हेतु उपलब्ध सरकारी योजनाएं, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग एवं बैंक की आवेदन प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की। कार्यक्रम में उद्यमी संगीता गुप्ता ने अपने प्रसंस्कृत उत्पादन के विपणन की परेशानियों के बारे में बताया।
श्री धर्मेंद्र उपाध्याय ने अपने कृषक उत्पादक समूह, कस्टम हायरिंग सेंटर, ट्रेडमार्क एवं आईआईटी संस्थान से प्राप्त प्रोजेक्ट के कार्यों की चर्चा की। कृषक श्री विजय सिंह ने अपने खेतों में लगाए हुए विभिन्न धान के प्रभेदो के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम में मौजूद श्री गुलाब सिंह ने सूकर फॉर्म के विपणन एवं मूल्य संवर्धन की चर्चा की उनके अनुसार उनके फार्म में सालाना ₹ 5 लाख की आमदानी प्राप्त हो रही है।