सासाराम : नोखा नगर पंचायत की कृपा से एक विद्यालय में एक ही विषय के 14 शिक्षक हुए नियोजित

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नोखा नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा किया गया था नियोजन पर अब तक जिला शिक्षा विभाग की नहीं पड़ी इस पे नजर….

गढ़ नोखा उच्च विद्यालय में नामांकित 366 छात्र कुल मौजूद 24 शिक्षकों में 14 सामाजिक विज्ञान के….

सासाराम/अरबिंद कुमार सिंह : जिले में चल रहे सरकारी विद्यालयों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध ना होने के पीछे सबसे बड़ा जो कारण दिखता है वह है शिक्षकों की भारी कमी। जिले के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में तो शिक्षकों की संख्या अब लगभग ठीक हो चुकी है वहीं उच्च एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में आज भी शिक्षकों की भारी कमी दिख रही है।

वहीं सेटिंग गेटिंग को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहने वाला जिला शिक्षा विभाग अब इस मिथक को तोड़ता नजर आ रहा है उच्च माध्यमिक विद्यालयों में आज भी ऐसे कई विद्यालय हैं जहां विज्ञान वर्ग के छात्रों का नामांकन तो होता है पर उन्हें पढ़ाने के लिए उस विषय से संबंधित एक भी शिक्षक का नियोजन नहीं किया गया है पर इस बार मामला कुछ और है। पैसे का खेल कहें या फिर बच्चों के भविष्य की चिंता कि जिला शिक्षा विभाग द्वारा नोखा में स्थित उच्च विद्यालय गढ़ नोखा में सामाजिक विज्ञान विषय के ही 13 शिक्षक नियोजित कर दिए गए हैं।

अब या तो जिला शिक्षा विभाग उच्च विद्यालय गढ़ नोखा में नामांकित छात्रों को बेहतर इतिहासकार बनाना चाहता है या फिर एक ही विषय के 14 शिक्षकों को उनके सहूलियत को ध्यान में रखते हुए उन पर कृपा बरसाने को तैयार दिख रहा है। आखिर किस आधार पर नगर पंचायत नोखा द्वारा एक ही विषय के 14 शिक्षकों को एक ही विद्यालय में नियोजन कराया गया और अब तक जिला शिक्षा विभाग इतने बड़े मामले में भी चुप्पी साधे हुए हैं। यह भी एक बड़ा सवाल बन गया है।

इसका जवाब तो जिला शिक्षा विभाग के पास ही होगा। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी इंटर एवं मैट्रिक परीक्षा में लगातार राज्य स्तर पर गिर रहे प्रदर्शन को लेकर ना तो जिला शिक्षा विभाग द्वारा कोई सुध ली गई और ना ही कार्यरत शिक्षकों द्वारा स्कूल लेकर अब तक कोई मंथन किया गया है। क्योंकि सरकारी विद्यालयों में नामांकित होने वाले 90 फ़ीसदी छात्र वैसे आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के बच्चे हैं जो मजबूरी में अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में इन अभिभावकों के बच्चों के भविष्य की चिंता न तो जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों को है और ना ही उच्च एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को है।

नोखा नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा किया गया था नियोजन पर अब तक जिला शिक्षा विभाग की नहीं पड़ी इस पे नजर:- नोखा नगर पंचायत से अब नगर परिषद में तब्दील हो चुका है पर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा किसी एक ही विद्यालय में एक ही विषय के 14 शिक्षकों के नियोजन के गलती को अब तक सुधारा नहीं गया है। जिला शिक्षा विभाग के पास जब जिले के सभी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की सूची उपलब्ध होती है वैसे मैं भी जिला शिक्षा विभाग द्वारा इस मामले में अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई इस पर भी बड़ा सवाल उठने लगा है। अभी नगर परिषद में ही कई मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित करके उच्च विद्यालय में तब्दील कर दिया गया है।

जहां शिक्षकों का घोर अभाव है अगर इस विद्यालय के अतिरिक्त शिक्षकों को इन विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया जाता तो बच्चों के पढ़ाई के साथ शिक्षक संख्या का सही रूप से उपयोग भी किया जा सकता था पर अब तक ऐसा नहीं हुआ है।

गढ़ नोखा उच्च विद्यालय में नामांकित 366 छात्र कुल मौजूद 24 शिक्षकों में 14 सामाजिक विज्ञान के:- गढ़ नोखा उच्च विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या 366 है। इन छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए नगर पंचायत कहे या फिर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा 24 शिक्षकों का नियोजन किया गया है जिसमें 14 शिक्षक सामाजिक विज्ञान वही अंग्रेजी के लिए एक संस्कृत के लिए एक गणित के लिए तीन और विज्ञान विषय के लिए 3 शिक्षकों का नियोजन किया गया है।

हमारे देश की मातृभाषा हिंदी है पर हिंदी विषय में इस विद्यालय में अब तक एक भी शिक्षक नियोजित नहीं हो पाए हैं वही उर्दू विषय के शिक्षकों का पद भी रिक्त है। विद्यालय प्राचार्य रितेश रंजन ने बताया कि सामान्य दिनों में विद्यालयों में पढ़ाई के लिए 55 फ़ीसदी से ज्यादा छात्र पहुंचते हैं।

कहते हैं प्राचार्य:- गढ़ नोखा उच्च विद्यालय के प्राचार्य रितेश रंजन ने बताया कि उच्च विद्यालय में कुल 24 शिक्षक ने जिनमें 14 शिक्षक सामाजिक विज्ञान एवं विज्ञान गणित के दो और तीन वही अंग्रेजी और संस्कृत के एक-एक शिक्षक उपलब्ध हैं। समाजिक विज्ञान के 1 शिक्षक का झारखंड शिक्षक में होने के बाद जाने के बावजूद अभी भी 13 सामाजिक विज्ञान के शिक्षक विद्यालय में हैं। इसकी जानकारी हमने विभाग को दे दी है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि नगर पंचायत नियोजन इकाई द्वारा इन विद्यालयों में शिक्षकों का नियोजन किया गया है। अगर किसी एक विद्यालय में एक ही विषय के कितने शिक्षक बहाल हो रहे हैं तो यह नियमतं कहीं से भी सही नहीं है। विभाग से इसकी जानकारी मांगी गई है।