सासाराम/अरविंद कुमार सिंह : रेलवे अब अपने बड़े स्टेशनों से साथ-साथ छोटे स्टेशनों पर भी स्थानीय उत्पादों की ब्राडिंग करने जा रहा है. इसका मकसद स्थानीय उत्पादों को तैयार करने में लगे लोगों के जीवन स्तर में आर्थिक बदलाव लाना और स्वदेशी को बढ़ावा देना है. अब बड़े स्टेशनों के साथ-साथ छोटे स्टेशनों के प्लेटफार्मों पर स्थानीय उत्पादन की सामान उपलब्ध होंगे. इसके लिए रेलवे देश भर के 5328 स्टेशनों पर वन स्टेशन वन प्रोडक्ट (ओएसओपी) योजना को प्रारंभ करने जा रहा है. इस योजना के तहत पंडित दीन दयाल रेल मंडल के 35 रेलवे स्टेशनों को चुना गया है. जिसमें रोहतास जिले के पांच रेलवे स्टेशन शामिल है.
इससे स्थानीय भारतीय उत्पादों को देशभर में पहचान मिलेगी व उनका बाजार व्यापक होगा. रेलवे के इतिहास में पहली बार कियोस्क लगाने के लिए पंद्रह दिनों की महज एक हजार रुपये फीस ली जाएगी. रेल मंत्रालय ने देश भर के 16 जोन में इस संबंध में निर्देश जारी कर स्टेशनों की सूची भी जारी कर दी है. इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह, स्वैच्छिक सेवा संगठन, सहकारी समितियां इस योजना में शामिल हो सकते है. यदि एक स्टेशन पर दो लोग आवेदन करते हैं, तो लॉटरी सिस्टम से ड्रा निकाला जाएगा.
साथ में इस योजना के तहत जिसे कियोस्क आवंटित किया जाएगा, उससे शपथपत्र लिया जाएगा कि इससे रेलवे की छवि खराब नहीं होगी. वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना को रेलवे कई स्टेशनों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर लागू कर चुका है. वहां सकारात्मक संकेत मिले तो रेल मंत्रालय ने स्वयं ही देशभर से स्टेशनों का चयन कर उनकी सूची जारी की. इस योजना के तहत डीडीयू रेलमंडल के रोहतास जिले के डेहरी ऑन सोन व सासाराम रेलवे स्टेशन पर घरेलू उपयोग के लिए पत्थर के पात्र जैसे बर्तन, मशाला पिसने के लिए पत्थर का बना सिलौटा एवं बिक्रमगंज, गढ़नोखा, करवंदिया व शिवसागर रोड रेलवे स्टेशन पर पत्तों से बनी घरेलू वस्तु जैसे पंखा, डउरी व झाड़ू आदि का वस्तुओं का स्टॉल लगाया जाएगा.
इसके अलावे डीडीयू मंडल के ही गया रेलवे स्टेशन पर भगवान् बुद्ध की मूर्तियों से संबंधित लकड़ी और अन्य प्राचीन वस्तुएं, पिरो व गढ़हनी रेलवे स्टेशन पर स्थानीय मिठाई खुरमा, हैदरनगर, जपला व मोहम्म्दगंज में मिट्टी के बर्तन, अनुग्रह नारायण रोड, रफीगंज गुरारू व कुदरा रेलवे स्टेशन पर हस्तशिल्पकारी से बने चमड़े के उत्पाद व बांस के उत्पाद जैसे बर्तन, पंखा, झाड़ू, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, चंदौली मंझवार व सैय्यदराजा में जरी-जरदोजी के काम की वस्तुएं व काला चावल तथा मानपुर भभुआ रोड व नबीनगर रेलवे स्टेशन पर हथकरघा कपड़े के आईटम व भेड़ के ऊन आदि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा.
साथ ही सोननगर, दुर्गावती, कर्मनाशा, पुसौली, उंटारी रोड, मुठानी, इसमाइलपुर, जाखिम करकट्टा, कस्था, परैया, सतबहनी व फेसर रेलवे स्टेशन पर बांस के उत्पाद की वस्तु जैसे पंखा, झाड़ू आदि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा. इन सभी स्टेशनों पर प्रदर्शनी-सह-स्टाल 15 दिनों के लिए संचालित करने के इक्छुक स्थानीय गैर सरकारी संस्थाओं, कारीगर संघ, स्वयं सहायता समूह, सुक्ष्म जनजातीय कारगीर आदि अपना आवेदन संबंधित स्टेशन प्रबंधक को दे सकते हैं. इस योजना का उद्देश्य रेलवे परिसर का उपयोग कर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है. रेलवे के इस प्रयास से स्थानीय उत्पाद, हस्तशिल्प व हथकरघा व्यवसाय से जुड़े उद्यमों के लिए बेहतर अवसर विकसित करने में मदद मिलेगी और रेल यात्रियों के लिए भी स्थानीय उत्पाद की जानकारी होने के साथ ही उन्हें उपलब्ध भी हो सकेगा.