बिना खनन शुल्क जमा की है क्यों छोड़े गए अवैध ओभर लोड बालू लदे ट्रक, जिला परिवहन पदाधिकारी एव बालू तस्करों की मिली भगत से सरकार को लाखो की छति हुई

सासाराम

सासाराम/अरविंद कुमार सिंह : सरकार ने अवैध बालू एवं ओवर लोड बालू लदे हुए ट्रकों को जांच कर उस पर जुर्माना लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे रही है। लेकिन अधिकारियों की मिली भगत से बेखौफ होकर के सड़कों पर चल रहे हैं। इसमें नोखा थाना क्षेत्र के जखनी नाहर पुल के पास कंट्रक्शन बेसकैंप से जिला परिवहन पदाधिकारी रामबाबू और आरटीओ सुमन कुमार द्वारा सात ओवरलोड बालू लदे ट्रक को पकड़ा गया। जिसे बिना खनन का जुर्माना जमा कराए हैं सिर्फ परिवहन का न्यूनतम शुल्क पेंडिंग जुर्माना लगाकर को छोड़ दिया गया। विभागीय सूत्रों का कहना है कि सिंगल चालान पर कोई भी बालू और गिट्टी लदा वाहन नहीं छोड़ा जा सकता।

डीटीओ रामबाबू का कहना है कि यह सातों बालू लदे ट्रक को विशेषाधिकार के तहत एव परिवहन के नियमो के तहत चालान कर गाड़ियों को छोड़ सकते हैं जबकि जिला खनन पदाधिकारी कार्तिक कुमार ने बताया कि सरकार ने पूर्व के निर्देश दिया है कि अवैध बालू पकड़े जाने पर हुए बालो को पकड़े जाने पर खनन और परिवहन दोनों शुल्क वसूलना है। इस पर कार्रवाई करने के लिए स्थानीय थाना को भी सूचना देने का निर्देश दिया गया है। यहां पर की गाड़ियों को जप्त कर ली जाती है और जुर्माना लगाने के बाद गाड़ी छूट जाती है। लेकिन डीटीओ की मिलीभगत से अवैध तरीके से ओवरलोड 7 ट्रकों को डीटीओ, आरटीओ ने छोड़ दिया।

इस नियमो के तहत संदेह के घेरे में है दोनों अधिकारी स्थानीय थाना एवं खनन विभाग को भी सूचना नहीं दिए ।नोखा थानाध्यक्ष उमेश कुमार ने कहा कि मुझे कोई सूचना इस बारे में नहीं दी गई। जबकि जिला परिवहन अधिकारी विशेषाधिकार बता करके कहते हैं कि मैंने पेंडिंग लगा जुर्माना लगाया और छोड़ दिया। जबकि विभागीय सूत्रों की माने तो इसमें खनन विभाग और थाने को सूचना देनी जरूरी होती है। अब सवाल पैदा होता है कि जब जुर्माना लगा दिया गया तो फिर बालू लदे हुए ट्रक फिर भागे क्यो। क्योंकि डीटीओ के जाने के बाद तीन ट्रक दिनारा थाना क्षेत्र में नाहर पर जाकर के छुपाई गई। और चार ट्रक आरा सासाराम मुख्य पथ पर किसी गांव में छुपा दी गई।

जो कि अंधेरे में बालू को अन लोड किया गया। जिला परिवहन पदाधिकारी राम बाबू द्वारा बार-बार अपने बयान को बदला जा रहा है। कभी कहता है कि चालक भाग गया ।इसलिए ट्रक को थाना में नहीं ले जाएगा गया। तो कभी कहते है की मेरा विशेषाधिकार है। यह साफ लगता है कि बालू के कारोबार में भ्रष्टाचार में लिप्त विभागीय अधिकारियों की सरकार की नियमावली से कोई मतलब नही है। न ही कानून का डर है।

बालू तस्करों की मिलीभगत से ट्रक को छोड़ दिया गया। मार्च माह में जब राजस्व बढ़ाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है। तो बालू लदे ट्रक को छोड़कर के राजस्व क्षति की बात भी कहीं जा सकती है ।फिलहाल डीटीओ राम बाबू एव आरटीओ सुमन कुमार के द्वारा पकड़े गए ट्रकों की जांच की जानी चाहिए। इस संबंध में रंजन कुमार, अमित कुमार ने मुख्यमंत्री, आर्थिक अपराध इकाई और खनन विभाग को आवेदन देकर के मामले की जांच कराने के लिए मांग की है।