मोतिहारी/राजन द्विवेदी। जिले के हरसिद्धि में आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या के बाद, पुलिस कार्यशैली से नाराज उनके पुत्र रोहित ने अपने शरीर में आग लगाकर तीन मंजिला भवन से छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौत हो गई। मामले में एसपी डॉ कुमार आशीष ने सीआईडी जांच के लिए अनुशंसा करने की बात कही है। उन्होंने दुःख जताते हुए विपिन अग्रवाल हत्याकांड की सीआईडी जांच के लिए अनुशंसा करने की बात कही है।
कहा कि आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल के परिवार की संतुष्टि के लिए विपिन हत्याकांड की जांच के लिए सीआईडी जांच के लिए अनुशंसा की जाएगी। मृतक रोहित से नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने बताया कि वह प्रत्येक दिन सभी फरियादियों की बात सुनते हैं। गुरुवार को भी 3 बजे से 5 बजे तक लोगों से मिलकर उनकी फरियाद सुनी थी। लेकिन उस दौरान रोहित नहीं आया था। बताया कि उसी समय जिला जज के यहां होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए मैं चला गया। रोहित के साथ कार्यालय कर्मियों के दुर्व्यवहार की बातें कहीं जा रही है, जो सही नहीं है।
क्योंकि सीसीटीवी फुटेज में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है। विपिन हत्याकांड के अनुसंधान में 26 लोगों का नाम सामने आया था। जिसमें से 15 लोगों के खिलाफ मामला सत्य पाया गया है। शूटर समेत सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि अन्य आठ लोग फरार हैं। जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। बचे हुए 11 लोगों के खिलाफ जांच जारी है। सीआईडी जांच की होगी सिफारिश मृतक रोहित के दादा विजय अग्रवाल द्वारा पुलिस पर बयान बदलने के लिए दबाब बनाने के आरोप पर जबाब देते हुए एसपी ने कहा कि पुलिस ने ऐसा कोई दबाब नहीं बनाया है।
मृतक रोहित की मां का बयान मेरे पास आया है। ऐसी कोई बात उन्होंने नहीं कही है। एसपी ने बताया कि मृतक के परिजन इस समय सदमे में हैं। इसलिए कभी-कभी बयान बदल रहे है। बता दें कि हरसिद्धि में पिछले साल आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या के बाद पुलिस कार्यशैली से नाराज उनके पुत्र रोहित ने कल शुक्रवार को अपने शरीर में आग लगाकर तीन मंजिला भवन से छलांग लगा दी।
पुलिस के कार्यशैली से नाराज था रोहित : आत्मदाह करने से गंभीर रुप से जख्मी रोहित का इलाज के दौरान मौत हो गई। चौदह वर्षीय रोहित कुमार दिवंगत आरटीआई कार्यकर्ता के तीन संतानों में सबसे बड़ा था। जानकारी के अनुसार, रोहित गुरुवार को एसपी से मिलने आया था। लेकिन एसपी द्वारा समय दिए जाने के बावजूद वह नहीं मिल पाया। जिससे नाराज होकर वह घर लौटा और अपने घर के सामने के एक तीन मंजिला मकान पर चढ़ गया।
मकान के ऊपरी मंजिल पर चढ़ने के बाद उसने अपने शरीर में आग लगाई और छलांग लगा दी। छलांग लगाने के बाद रोहित का शरीर हाईवोल्टेज बिजली प्रभावित तार पर गिरा। जिस कारण वह काफी झुलस गया। जख्मी हालत में इलाज के लिए रोहित को निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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