बेगूसराय/विनोद कर्ण। भाजपा के राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश कुमार सिन्हा ने कहा है कि राहू-केतु की छाया शाम्हो-मटिहानी गंगा पुल निर्माण पर नहीं पड़ी तो आगामी जून माह तक टेंडर जारी हो जाएगा। हालांकि उन्होंने खुलासा नहीं किया कि वे आकाशीय सितारे राहू-केतु की बात कर रहे हैं या राजनीतिक सितारे की, लेकिन उनके बयान का इशारा राजनीतिक सितारे की ओर ही माना जा रहा है।
प्रो. सिन्हा मंगलवार की शाम सुहृद बाल विद्या मंदिर, सुहृदनगर में बुद्धजीवी संगम समारोह को संबोधित करने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह, वनवासी कल्याण आश्रम के जिलाध्यक्ष शंभू कुमार व माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयुक्त सचिव डॉ सुरेश प्रसाद राय भी मौजूद थे।
बताते चलें कि सांसद प्रो. सिन्हा के अनुरोध पर केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने दो वर्ष पूर्व शाम्हो-मटिहानी के बीच गंगा नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। एनएचएआई ने उस समय डीपीआर तैयार करने को लेकर टेंडर जारी किया था। लेकिन टेंडर लेने वाले कंपनी के विरुद्ध शिकायती पत्र के बाद तकनीकी कारणों से उसे रद कर दिया गया था।
यही कारण है कि राजनीतिक गलियारों में आकाशीय नहीं राजनीतिक सितारे को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। सांसद प्रो. सिन्हा के एक समर्थक ने उस समय कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं कि न खाएंगे और न खाने देंगे। परंतु कुछ नेता (बिना नाम लिए) ऐसे हैं जो न श्रेय लेंगे और न लेने देंगे। जो भी हो बाद में एनएचएआई ने फिर से टेंडर जारी किया। सांसद प्रो. सिन्हा की मानें तो टेंडर जिस कंपनी को मिला उसने 90 फीसदी काम को पूरा भी कर लिया है।
यह दीगरबात है कि इस को पूरा कराने के लिए सांसद प्रो. सिन्हा को फिर से कसरत करनी पड़ी। लगता है सांसद प्रो. सिन्हा को अब भी अंदेशा है कि अड़चन डालने वाले हाथ पर हाथ डाले नहीं बैठे होंगे। इस कारण उन्होंने इशारे में राहु-केतु की बात कही है।
गौरतलब हो कि शाम्हो और कलकत्ता के बीच कभी सीधा जलमार्ग होने से शाम्हो उनदिनों आर्थिक राजधानी के रूप में जाना जाता था। हालांकि बाद के दिनों में भौगौलिक बदलाव ने शाम्हो को बदहाली के कगार पर पहुंचा दिया। शाम्हो को जिला मुख्यालय बेगूसराय से सीधा जोड़ने को लेकर दशकों से मांग उठती रही है।
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जिले के निवासी प्रो. सिन्हा जब सर्वोच्च सदन राज्यसभा का सदस्य बने तो उन्होंने इस काम को पूरा कराने को लेकर भागीरथी संकल्प लिया और प्रयास शुरू कर दी। इस कार्य में जब भी व्यवधान उत्पन्न होता है तो वे व्यथित हो जाते हैं। बताते चलें कि शाम्हो प्रखंड बेगूसराय जिले का हिस्सा है लेकिन वहां जाने के लिए लखीसराय जिला होकर जाना पड़ता है। शाम्हो मटिहानी पुल बन जाने पर दूरी घटने का लाभ न सिर्फ शाम्हो बल्कि लाखों की आबादी को होगा। इस कारण लाखों लोगों की निगाहें सांसद प्रो. सिन्हा पर टिकी हुई है।