Sheohar, Ravishankar singh : शिक्षक न्याय मोर्चा के तत्वावधान में ब्लॉक रोड स्थित जिला कार्यालय श्यामपुर निवास में महाराणा प्रताप की 483 वीं जयंती मनाई गई।इस पावन अवसर पर उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया गया। उनकी तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । इस अवसर पर शिक्षक न्याय मोर्चा के प्रदेश महासचिव अभय कुमार सिंह तथा जिला संयोजक राधेश्याम सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप परम प्रतापी , प्रचंड शक्तिशाली ,मेधावी , कठोर से कठोर आघात को वीरता पूर्वक सहन करने की अद्भुत क्षमता वाले योद्धा थे । सिसोदिया वंश के सूर्य एवं भारत भूमि के गौरव महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को मेवाड़ प्रांत में हुआ था ।
महाराणा प्रताप की वीरता , युद्ध कौशल तथा अपारशक्ति के धनी एवं उनके युद्ध कौशल में प्रवीण सहयोगी चेतक को दुनिया आज भी सलाम करती है । संपूर्ण मुगल सल्तनत एवं मुगल सम्राट अकबर भी महाराणा प्रताप की वीरता के प्रशंसक थे । महाराणा प्रताप का जीवन परिचय एवं चरित्र चित्रण अद्वितीय है जो इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है । उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप से स्वयं सम्राट अकबर भी डरते थे तथा बचपन से लेकर जवानी तक कई बार महाराणा से हार कर जान बचाकर भागे , क्योंकि एक पीर बाबा ने अकबर को चेताया था कि प्रताप से सीधा सामने कभी युद्ध नहीं करना , नहीं तो तुम्हारी मृत्यु निश्चित है , और यही कारण है कि अकबर कभी भी महाराणा प्रताप के सामने स्वयं सीधा नही लड़े और हमेशा छल प्रपंच द्वारा लड़े ।
उन्होंने कहा कि महाराणा हारे नहीं और अकबर जीता नहीं , लेकिन जब बड़े-बड़े राधे महाराजे प्रताप का साथ देने नहीं आए तो और अकबर के भय से उनकी अधीनता स्वीकार कर ली थी , तो उस परिस्थिति में आदिवासी समाज से भील सरदार राणा खेता और राणा पूंजा और वैश्य समाज से भामाशाह जैसे राष्ट्र भक्तों ने मुगलों से लोहा लेने के लिए महाराणा प्रताप का साथ दिया और हल्दीघाटी के मैदान में 25000 सैनिकों को लेकर अकबर के 85,000 सैनिकों के परखच्चे उड़ा दिए थे । उन्होंने कहा कि वास्तव में महाराणा प्रताप शूरवीर होने के साथ-साथ प्रेम, करुणा और त्याग के प्रतिमूर्ति थे , जिन्होंने अपनों के द्वारा गद्दारी और साजिश किए जाने वालों को भी दंडित नहीं किया ।
उन्होंने कहा कि महाराणा हमारे प्रेरणा स्रोत हैं और उनके जीवन वृत्त से हमें प्रेरणा लेकर आज हमें भी इन जैसे राष्ट्रभक्त बनने और बनाने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है । उक्त अवसर पर जिला सचिव शिवनंदन, नथुनी कुमार निषाद, सोनेलाल साह, मुकेश कुमार गुप्ता, सुनील कुमार सिंह, हर्ष रंजन, ॠषभ कुमार, राकेश पासवान, सुखारी पासवान, शिवचन्द्र चौधरी समेत अन्य लोगों श्रद्धासुमन अर्पित किया।