शिवहर, बीपी प्रतिनिधि। बिहार के शिवहर मंडल कारा प्रशासन ने डीएम के पहल पर एक बेहतरीन कार्य की शुरुआत की है। जेल में बंद बंदियों की जीवन शैली सुधारने और उनको अपराध की दुनिया से अलग करने के लिए स्वरोजगार योजना को बढ़ावा देने का काम किया गया है। जेल में बंद बंदी सजा काटने के बाद अगर बाहर निकले तो वो अपनी जिंदगी की ना सिर्फ तस्वीर बदल सके बल्कि अपने लाइफ स्टाइल को भी नया मोड़ देने का काम कर सके इसको लेकर शिवहर प्रशासन ने इस पहल की शुरुआत की है।
शिवहर के डीएम मुकुल गुप्ता के निर्देश पर इस बेहतरीन योजना के तहत जेल में बंद बंदियों को रोजगार सृजन के लिए उन्हें प्रशिक्षित करने का काम किया जा रहा है। मोमबत्ती और अगरबत्ती निर्माण कर बंदी अब खुद जेल से बाहर निकलने के बाद अपना स्वरोजगार शुरू कर सकते है और खुद के बदौलत अपने जिंदगी में सफलता के नई इबादत लिखने का काम कर सकेंगे।
दस दिनों तक चलने वाले इस प्रक्षिषण शिविर में खुद के स्वरोजगार शुरू करने के सभी 35 बंदियों को वैसे सभी गुर सिखाये जा रहे है जिससे उनकी जीवन शैली बेहतर हो सके और उनको अपने जीवन निर्वहन करने के लिए अपराध का रास्ता न चुनना पड़े।
कैसे अगरबत्ती और मोमबत्ती का निर्माण किया जा सके और बाजार में उसको किस तरीके से बेचकर मुनाफा कमाया जा सके सभी बिंदुओं पर कैदियों को प्रक्षिशन देने का काम किया जा रहा है। शिवहर जेल प्रशासन के इस बेहतरीन पहल की चारो तरफ चर्चा है। जेल में बन्द बंदी भी इस प्रशिक्षण शिविर में जोर-शोर से हिस्सा ले रहे हैं।