सीतामढ़ी/रविशंकर सिंह। जननायक कर्पूरी ठाकुर की 34वी पुण्यतिथि के अवसर पर कर्पूरी छात्रावास सीतामढ़ी के सभागार में कर्पूरी के सपनों का देश एवं वंचित वर्ग विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता छात्रावास अधीक्षक विनोद बिहारी मंडल ने किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन सामूहिक रूप से प्रोफेसर किशोरी दास, प्रोफेसर डॉक्टर आनंद किशोर, अमित कुमार गोल्डी, संजय संघर्ष सिंह,अनिल कुमार पूर्व फौजी, के द्वारा जननायक के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्रोफेसर किशोरी दास, प्रदेश अध्यक्ष, उपेक्षित एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग संघ बिहार ने कहा कि कर्पूरी जी का जीवन दर्शन ही उनका विचारधारा एवं सिद्धांत है।
जननायक का सपना था महापुरुषों के द्वारा किए गए अधूरे कार्यों को पूरा कर समाज में समानता , समतामूलक समाज, भाईचारा, को बनाना तथा आर्थिक गैर बराबरी को समाप्त कर देश को उन्नत करना था। उन्होंने कर्पूरी फार्मूले के माध्यम से बिहार में सभी जाति, सभी धर्मों एवं सभी वर्गों के जातियों को संवैधानिक आरक्षण देकर जो लकीर खींची, वाह देश के लिए परम आवश्यक था। लेकिन एक साजिश के तहत उनके अरमानों को उनके मानने वाले तथाकथित लोगों ने समाप्त कर दिया। वर्तमान परिस्थिति में देश में लोकतंत्र, संविधान, एवं आपसी भाईचारा बचाने के लिए जननायक के विचारधारा आवश्यक है।
मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर डॉक्टर आनंद किशोर , प्रदेश अध्यक्ष, पीयूसीएल, बिहार ने कहा कि कर्पूरी जी ने फुले, अंबेडकर ,लोहिया, गांधी, और जेपी के विचारधारा से प्रभावित होकर एक नई विचारधारा देश को दिया जिससे कर्पूरी वाद कहा गया। जिसमें सभी लोगों के कल्याण की बातें निहित है। जननायक ने सभी गरीबों के साथ उच्च वर्गों के गरीबों को भी कर्पूरी फार्मूला में 3% आरक्षण देकर समतामूलक समाज का निर्माण किया।उन्होंने देश को आगे बढ़ाने के लिए कर्पूरी के बताए रास्ते को अपनाने पर बल दिया।
विशिष्ट अतिथि प्रमुख समाज सेवी, अमित कुमार गोल्डी, एवं संजय संघर्ष सिंह ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के पास सबसे बड़ा बल आत्मबल और आत्म विश्वास था। जिसके बल पर गरीबी को भी झेलते हुए संघर्ष के रास्ते स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर सामाजिक न्याय की लड़ाई और उसके अधिकार के लिए जो काम जननायक ने किया वह आज के वर्तमान परिस्थिति में प्रासंगिक है। उन्होंने जननायक के सादगी, ईमानदारी, सत्य निष्ठा, कर्तव्य निष्ठा, से प्रेरणा लेकर संघर्ष को अपनाने पर बल दिया।
डॉक्टर संजय कुमार ने कहा कि जिस तरह तालाब में बड़ी मछली के साथ मझौली मछली भी छोटी मछली को खा जाती है, उसी प्रकार जननायक के द्वारा वंचित कमजोर अति पिछड़ा वर्गों को दिए गए संवैधानिक अधिकार को धीरे धीरे बड़ी एवं मझौली मछलियां खा रही है। जिससे जननायक का सपना अधूरा रह गया है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर जननायक के कर्पूरी फार्मूला को लागू करने की मांग भारत सरकार से की। इस अवसर पर समाजसेवी अमित कुमार गोल्डी द्वारा कर्पूरी छात्रावास के छात्रों के बीच कंबल बांटा गया।
कार्यक्रम के अंत में 14 फरवरी 2022 को मोतिहारी के भितिहरवा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रतिमा को असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़ दिए जाने पर निंदा प्रस्ताव पास किया गया। कार्यक्रम में ब्रजेश महतो, अनिल कुमार पूर्व फौजी , धनंजय साहनी, निक्कू कुमार, बसंत कुमार, राम सिहासन कुमार संदीप कुमार रवि कुमार सुमित कुमार राम झूला मुखिया दिनेश कापर, राजू कुमार श्याम नंदन कुमार शंभू कुमार, तारकेश्वर मंडल, संदीप कुमार ,आशुतोष कुमार ,अजीत कुमार, संजीत कुमार, मनोज कुमार, सुधीर चौरसिया, गोविंद दास, विजेंद्र पासवान शहीद दर्जनों लोग उपस्थित थे।
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